Wednesday, October 7, 2020

दौसा के लालसोट में युवाओं को इतिहास से रूबरू कराने के लिए पार्क में लगी बाबा साहब की प्रेरणादायक प्रतिमा स्थल के आसपास गंदगी का अम्बार

 


दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर सियासत कर सत्ता हथियाने को सभी राजनीतिक दल तैयार है, लेकिन किसी राजनेता और किसी राजनीतिक दल का देश में लगी बाबा साहेब की प्रतिमा स्थल के आसपास पसर रही गंदगी की साफ-सफाई करवाने की तरफ ध्यान नहीं गया, जिसे देखकर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों का मन दुखी होता है ।

कुछ महापुरुष देश और समाज की भलाई के लिए अच्छे काम कर जाते हैं ताकि लोग उनके काम से प्रेरणा लें l जिसके लिए बकायदा उनकी मूर्तियां चौराहे पर स्थापित की जाती हैं, ताकि आते जाते लोग उनसे प्रेरणा लें l हालांकि मूर्ति लगने के बाद में प्रशासन की लापरवाही के कारण इनका क्या हश्र होता है, ये आप अपनी आंखों से देख सकते हैं l

दौसा के लालसोट में युवाओं को इतिहास से रूबरू कराने के लिए भारतरत्न संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रेरणादायक प्रतिमा चौराहे पर स्थित पार्क में लगी हुई है, जिसके ऊपर छतरी नहीं है l पार्क के आसपास चाय और सब्जी की दुकानें लगने लगी हैं । प्रतिमा पार्क के आसपास लगने वाली रेहडियों का भी अतिक्रमण है और वहीँ पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है । जिससे प्रतिमा स्थल के आसपास गोबर और गंदगी जमा रहती है जिसके कारण हमेशा बदबू भी आती है । जिससे संक्रामक बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है l यहां से क्षेत्रीय लोगो का गुजरना भी मुश्किल होता है, वे भी मुंह पर रुमाल व अंगौछे का इस्तेमाल कर निकलते है । रात में कुछ असामाजिक तत्वों की डेरा रहता है जिसका आलम यह है कि आस पास शराब की खाली बोतले पड़ी हुई होती है l ऐसी गंदगी देखकर बाबा साहब के अनुयायियों में नाराजगी बढ़ते जा रही है ।

दरअसल बाबा साहब की प्रतिमा के नाम पर चौक पर प्लाट तो अलॉट कर दिया गया, लेकिन कुछ लोग ने निजी स्वार्थ के लिए इस चौक का प्रयोग अपनी जेब भरने के लिए करते हैं । दरअसल प्रतिमा स्थल पार्क की ग्रिलो व दीवारों पर विभिन्न कंपनियों के प्रमोशनल स्टिकर लगा दिए जाते हैं जिनसे पैसे लिए जाते हैं । ये स्टिकर जहां चौक को बदसूरत करते हैं वहीं इनका यहां प्रयोग किया जाना अफसरशाही पर भी सवाल उठाता है ।

बाबा साहब का एक अनुयायी जयपुर से करोली जा रहा था, लालसोट स्टेण्ड पर चाय पीने रुका, जहां एक कोने में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी कि प्रतिमा लगी हुई थी, जब वह नजदीक जाकर उपरोक्त वर्णित नजारा देखा तो वह शर्मा टी स्टाल पर बैठकर दुखी दिल से बहुत रोया l


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