Wednesday, August 12, 2020

समाज सुधारक रैगर समाज के वीर सपूत त्यागमूर्ति स्वामी आत्मा राम "लक्ष्य" जी के जन्मदिवस पर गणमान्य लोगो द्वारा सादर श्रदा सुमन अर्पित कर चरणों मे कोटि कोटि नमन किया

 

दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l रैगर समाज को अंधविश्वास ओर प्रचलित कुरूतियों से दूर रहने की प्रेरणा देने वाले, समाज में शिक्षा का प्रचार प्रसार करने वाले, समाज को एकता के सूत्र में पिरोने वाले, अखिल भारतीय रेगर महसभा (पंजी०) के संस्थापक एवं समाज सुधारक व रैगर रत्न परम पूज्यनीय त्याग मूर्ति स्वामी आत्मा राम जी "लक्ष्य" जी के जन्मदिवस पर रैगर युवा प्रगतिशील संगठन के पदाधिकारी व समाज के अनेक गणमान्य लोगो द्वारा करोलबाग स्थित स्वामी आत्मा राम लक्ष्य पार्क मे उनकी प्रतिमा को पुष्प माला पहनाकर व उनके चरणों मे सादर श्रदा सुमन अर्पित कर कोटि-कोटि नमन करते हुए समाज की प्रगति के लिये आर्शिवाद लिया। ।

समाज सुधारक रैगर समाज के वीर सपूत त्यागमूर्ति स्वामी आत्मा राम लक्ष्य जी का जन्म सन 1907 में श्रीमती पांचीदेवी व श्री गणेशराम खोरवाल जी के घर जन्माष्टमी के दिन हुआ था। मात्र 3 वर्ष की आयु में ही ये अनाथ हो गए तो इनका लालन पालन इनके बुआ-फूफा द्वारा किया गया।

1937 में सिंध हैदराबाद (पाकिस्तान) जाकर स्वामी ज्ञान स्वरूप जी महाराज ने अंगीकार कर नया नाम आत्मा राम दिया। आत्मा राम जी ने शिष्य बनकर अपना लक्ष्य बनाया "समाज सुधार एंव उत्थान करना"। अपने लक्ष्य हेतु गांव-गांव जाकर सत्संगों के माध्यम से रैगर समाज को जगाते हुए मार्च 1944 में आंधी थोलाई में सत्संगनुमा कार्यकर्ताओं की बैठक विशाल जलसा मनाने हेतु हुई एंव दौसा में एक महासम्मेलन आयोजित करने का निश्चय हुआ । उनकी समाज के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं समाज को एकजुट करने के लक्ष्य को देखते हुए रैगर समाज ने उन्हें "लक्ष्य" नाम से पुकारा जाता है l


निर्णय अनुसार 2 नवम्बर 1944 को दौसा में प्रथम अखिल भारतीय रैगर महासम्मेलन आयोजित हुआ जिसके स्वामी आत्मा राम लक्ष्य जी स्वागताध्यक्ष बने व इन्हीं की प्रेरणा से सम्मेलन सफल हुआ। इसी दिन 2 नवम्बर 1944 को समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से गठित की गई रैगर समाज की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय रैगर महासभा का गठन किया गया और त्यागमूर्ति श्री आत्मा राम "लक्ष्य" जी संस्थापक कहलाये । इस सम्मेलन में जाति सुधार सम्बन्धी कई निर्णय लिए गए जिसके फलस्वरूप स्वामी आत्मा राम लक्ष्य जी को कई प्रकार की यातनाओं का सामना करना पड़ा।

13-14 अप्रैल 1946 को जयपुर में द्वितीय अखिल भारतीय रैगर महासम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ स्वामी आत्मा राम लक्ष्य जी के कर-कमलों द्वारा झण्डारोहण के साथ हुआ। जयपुर सम्मेलन के पश्चात इनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा और चान्दपोल, जयपुर में श्री लालाराम जलूथरिया जी के घर बुधवार 20 नवम्बर 1946 को रैगर समाज का यह चिराग हमेशा हमेशा के लिए परमात्मा में लीन हो गया।

27 सितम्बर 1986 को अखिल भारतीय रैगर महासभा द्वारा विज्ञान भवन, दिल्ली में आयोजित पंचम अखिल भारतीय रैगर महासम्मेलन में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह जी द्वारा रैगर समाज के संगनात्मक सरंचना के आधार स्तंभ, निस्वार्थी समाजसेवी, निश्छल स्वभावी, सरल और सहज व्यक्तित्व, त्याग भावना के शिखरस्थ प्रतिमूर्ति परम आदरणीय स्वामी आत्मा राम “लक्ष्य” जी को रैगर रत्न से विभूषित किया गया ।

रैगर समाज के युग पुरुष समाज को अंधकार से प्रकाश की और ले जाने वाले संत धर्मगुरु त्याग मूर्ति स्वामी आत्माराम लक्ष्य जी के जन्म दिवस के अवसर पर समाजहित एक्सप्रेस की टीम शत शत नमन व चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पण कर समाज से अपील करता है कि स्वामी आत्मा राम लक्ष्य जी के सपनो को साकार करने के लिए आज के इस शुभ दिवस पर सहजता, सरलता और निस्वार्थ सामाजिक सेवा की भावनाओ को अपने सामाजिक और पारिवारिक जीवन मे अंगीकार करने का प्रण ले ।

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