राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से मंगलवार को सीनियर सैकंडरी परीक्षा का रिजल्ट
डिक्लेयर किया गया । जिसमे अनुसूचित जाति के रैगर समाज से संबंध रखने वाले प्रकाश फुलवारिया
ने 12वी कला संकाय में 99.20% अंको के साथ प्रदेशभर में टॉप किया है । प्रकाश ने 500
में से 496 अंक लिए हैं । टॉपर प्रकाश के पिता चनणा राम फुलवारिया पेशे से एक कमठा
मजदूर हैं । माता संतोष देवी फुलवारिया गृहिणी हैं ।
आधुनिक दौर की
पढ़ाई तो बहुत महँगी है। शिक्षा में हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं। बहुत से छात्र ऐसा
सोचकर अपने सपनों के फूल खिलने से पहले ही रौंद देते हैं कि मेरे माता पिता तो इतना
रुपया खर्च ही नहीं कर पाएँगे l प्रकाश ने प्रदेश में शिखर पर पहुँचकर यह साबित कर
दिया है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं। इरादे पक्के हों और सोच सकारात्मक, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। प्रकाश ने बिना किसी कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी के
सहारे एआईपीएमटी में 240वीं रैंक हासिल की। प्रकाश ने बिना किसी कोचिंग के सिर्फ सेल्फ
स्टडी के सहारे राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में टॉप किया l
प्राप्त जानकारी
के मुताबिक राजस्थान के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बाड़मेर की धोरीमन्ना तहसील के
छोटे से गांव लोहारवा की सरकारी स्कूल का प्रतिभाशाली प्रकाश फुलवारिया ने12वी
कला संकाय का छात्र है । इस असली गुदड़ी के लाल की शिक्षा के प्रति लग्न, संघर्ष, समर्पण और संकल्प को भी जान लीजिए । पिता चनणाराम निर्माण कार्यों पर मजदूरी करते
थे। उनको भी लकवा आ गया तो घर की जैसी भी आर्थिक स्थिति थी, वह भी ध्वस्त हो गई ।
आर्थिक तंगी के
चलते प्रकाश के पास दो साल से स्कूल की ड्रेस भी एक ही थी और वो भी फट हुई थी l नई ड्रेस सिलाने के लिए
पैसे नहीं थे, फटी ड्रेस में ही स्कूल जाता रहा । कोई कुछ बोलता तो कह देता कि
ड्रेस सिलाने को दी हुई है l शिक्षकों की डांट भी सुननी पड़ी l जिनको कुछ बड़ा अचीव करना
होता है, वे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते। इस प्रकार प्रकाश भी
फिर से पुरे जोश के साथ अपनी पढ़ाई में जुट जाता । प्रकाश ने न तो कोई
ट्यूशन ली, न ही गाइड जैसी सहायक बुक्स के चक्करों में
पड़ा। पूरी तरह अपनी किताबों पर फोकस किया । 12वीं कला के नतीजों में 99.20 फीसदी
अंक लाकर उसने शिखर स्थान हासिल किया जो उसने किसी की कृपा से नहीं, बल्कि अपनी कड़ी तपस्या से हासिल किए हैं। इसलिए प्रकाश की यह सफलता कोई मामूली
नहीं है ।
प्रकाश ने बताया
कि यह भ्रम मिटना चाहिए कि सरकारी स्कूल में अच्छी पढ़ाई नहीं होती और यहां के
बच्चे अच्छा नहीं कर सकते l मेरा मानना है कि सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई होती
है और शिक्षक भी बहुत अच्छे होते हैं l शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन तथा लगन-मेहनत
से मुझे यह सफलता मिली है l
राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का रिजल्ट पता चलते ही सेलिबे्रशन का दौर भी स्टार्ट हो गया
। परिवार के सदस्य
आज प्रकाश के शिखर स्थान हासिल करने पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। प्रकाश का
सपना आईएएस अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करना है। इसके लिए वह अभी से मेहनत करने
में जुट गया हैं । प्रकाश व उसके परिजनों को बधाइयां देने वालों का तांता लग
गया है।
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