Sunday, August 16, 2020

पूर्व प्रधान स्वर्गीय गंगा प्रसाद धुडिया जी को उनकी पुण्यतिथि पर रैगर समाज द्वारा याद किया गया

 

दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l समाजसेवी, पूर्व निगम पार्षद व दिल्ली प्रांतीय रैगर पंचायत के पूर्व प्रधान स्वर्गीय गंगा प्रसाद धुडिया जी अपने कर्मो व आचरण से रैगर समाज के लोगों के दिलों में सदैव जिंदा है और याद रखे जाते है l उन्होंने सदैव लोगों के सुख-दुख में निस्वार्थ भाव से शामिल होकर अपने व्यवहार के द्वारा लोगों के दिलों में अलग जगह बनाई थी ।

रैगर समाज के समाजसेवी व पूर्व निगम पार्षद गंगा प्रसाद धुडिया जी का ज़िक्र आज सुबह मेरे मित्र गनपत राय मोहनपुरिया ने किया, क्योंकि 16 अगस्त को इनका देहांत हुआ था l इसलिए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धासुमन के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की । उन्होंने बताया कि 1967 मे गंगा प्रसाद जी को रैगर पुरा से महानगर परिषद का टिकट मिला, तब मैंने 1967 से इनके नेतृव मे काम किया । धर्मदास शास्त्री जी को पहली बार प्रसाद नगर से नगर निगम का टिकट मिला ।

विपरीत परिस्थितियों में भी सहजता और मुस्कान उनके दो ऐसे हथियार थे जो कभी उनका साथ नहीं छोड़े। इसी के बूते वह हर कठिन काम को भी आसान सा बना लेते थे। शासन-सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दलों के लोग उन्हें बहुत पसंद करते थे l राजनीतिक विचारधारा चाहे जो भी रही हो, लेकिन वे अक्सर समाज की जमीन से जुड़े रहे । हमेशा लोगों के हितों के बारे में सोचते थे ।

सौम्य और मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी गंगा प्रसाद धुडिया जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें स्वयं को लोगों के बीच पाकर बहुत प्रसन्नता होती थी। क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों छोटे और बड़े समारोहों में जाने के लिए सदैव तैयार रहने की उनकी इच्छा से इस बात का पता आसानी से चल जाता है । अपनी हंसमुख कार्यशैली व मिलनसार के चलते धुडिया जी निरंतर सामाजिक व राजनीति की ऊचाई की ओर बढते रहे थे l निगम पार्षद बनकर लोगो के दिलो मे रहे कभी भी किसी के कार्य को मना नही किया l

दिल्ली प्रांतीय रैगर पंचायत के प्रधान बनकर अपने अमूल्य अनुभव से सदैव समाज की भलाई की और समाज को एक नयी दिशा प्रदान की l कई दशकों तक लगातार कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रह कर सामाजिक क्षेत्रों तथा कमजोर वर्गों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध रहे । वह एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थे तथा वे समाज के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए आजीवन संघर्षरत रहे l

 

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