Thursday, October 1, 2020

अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने का संकल्प लें

 


दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  हर वर्ष 01 अक्टूबर को विश्व में वृद्धों एवं प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे भिन्न-भिन्न-नामों से जाना जाता है जैसे-अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस’, ‘अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस’, ‘विश्व प्रौढ़ दिवसअथवा अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवसइत्यादि । इस अवसर पर अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने एवं उनके सम्बन्ध में चिंतन करना आवश्यक होता है ।

सवाल यह है कि दुनिया में वृद्ध दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों हुई? क्यों वृद्धों की उपेक्षा एवं प्रताड़ना की स्थितियां बनी हुई हैं? समाज में इन परिस्थितियों को कैसे रोकें? समाज का एक सच यह है कि जो आज जवान है उसे कल बूढ़ा भी होना होगा और इस सच से कोई नहीं बच सकता । लेकिन इस सच को जानने के बाद भी जब हम बुजुर्ग लोगों पर अत्याचार करते हैं तो हमें अपने मनुष्य कहलाने पर शर्म महसूस होती है । आज वृद्ध अपने ही घर की दहलीज पर सहमा-सहमा खड़ा है, उसकी आंखों में भविष्य को लेकर भय है, असुरक्षा और दहशत है, दिल में अन्तहीन दर्द है ।

हमें समझना चाहिए कि वरिष्ठ नागरिक समाज की अमूल्य धरोहर होते हैं । उन्होंने देश और समाज को बहुत कुछ दिया होता है । उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक अनुभव होता है। हम आज परिवार, समाज एवं राष्ट्र को ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव से लाभ उठा सकता है । लेकिन इसके लिये वृद्धों का उपेक्षा एवं उदासीनता की त्रासद एवं विडम्बनापूर्ण स्थितियों को समाप्त करना होगा ।

वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में सुधार की संभावना हर समय है । हम पारिवारिक जीवन में वृद्धों को सम्मान दें, उनको अकेलेपन की कमी को महसूस न होने दें । इसके लिये सही दिशा में चले, सही सोचें, सही करें । इसके लिये आज विचारक्रांति ही नहीं, बल्कि व्यक्तिक्रांति की जरूरत है ।

सरकार द्वारा 2007 में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण विधेयक संसद में पारित किया गया है । इसमें माता-पिता के भरण-पोषण, चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है । हमे सरकारी प्रयासों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिको के प्रति जनजागृति का माहौल निर्मित करना होगा l

 

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