Tuesday, June 18, 2019

रैगर समाज में समान विचारधारा के लोगों को संगठित होने की जरुरत है - कर्नल दुर्गा लाल रैगर


दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगाँवलिया) l वर्तमान में रैगर समाज बहुत सी परेशानियों और चुनौतियों से भरे वक्त से गुजर रहा हैं और प्रत्येक रैगर ऐसे माहौल में शांति और सुकून लाने में अपनी ओर से अधिक से अधिक सहयोग करने को तत्पर है और इसके लिये अपना योगदान करना चाहता है । कुछ लोग यह काम विभिन्न सोशल माध्यमो पर अपने विचार साझा करके कर रहे हैं l कई बार एक सामाजिक कार्यकर्ता एक सामाजिक विकास की पहल की दिशा में अपने कदम बढ़ाना चाहता हैं ताकि वह समाज को कुछ वापस दे सकें लेकिन वह सामाजिक समर्थन और आर्थिक मदद की कमी के चलते अपने विचार को मूर्त रूप देने में असफल हो जाता हैं ।

कर्नल दुर्गा लाल रैगर ने समाजहित एक्सप्रेस के संपादक से टेलिफोन पर बातचीत में बताया कि जो भी व्यक्ति अपने विचारों और जुनून के बूते रैगर समाज में बदलाव लाने का माद्दा रखते हैं लेकिन अब तक सामाजिक एकता और विकास के विचारो वाले मंच के अभाव में अपनी महत्वाकांक्षाओं को आवाज देने में असफल रहे हैं । मेरा मानना है कि जब तक रैगर समाज के समान विचारधारा के लोग एक मंच पर संगठित नहीं हो जाते तब तक समाजिक व्यवस्था में बदलाव और किसी भी क्षेत्र में भागीदारी असंभव है ।

वर्तमान समय में समान विचारधारा के लोगों को एक साथ आने की जरुरत है। इससे समाज, देश और प्रदेश का विकास संभव हो सकता है । भारत को स्वतंत्र हुए करीब सात दशक से अधिक हो चुके हैं । मगर रैगर समाज की कुछ समस्याएं जस की तस हैं । किसी भी सरकार ने न तो कोई ठोस योजना बनाई न ही दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया ।

रैगर समाज की सामाजिक राजनीति में एक बड़ा तबका सामाजिक समस्याओ के समाधान की बात करता है तो दूसरा तबका उसके विरोध में बात करता है और तीसरा तबका तटस्थ रहता है । इस कारण कोई भी योजना प्रेक्टिकल नहीं हो पा रही है । जब तक किसी भी समाज की कोई एक ठोस नीति या विचारधारा नहीं होती है, तो वह समाज विकास के मार्ग पर हमेशा कंफ्यूज ही रहता है, साथ ही उस सामाजिक संगठन के निर्णय भी कमजोर हो जाते हैं । ऐसे में समाज विरोधी लोग इस परिस्थित का लाभ उठाते हुए उस समाज को भीतर से कमजोर करने लगते हैं । कई दशको से समाज में यही होता आया है ।

आज़ादी के बाद से रैगर समाज के लोग वोट और दान देने का ही काम करते आ रहे हैं लेकिन उनकी कोई पहचान नहीं है । रैगर समाज के कुछ लोग नौकरी पेशा में लगे हैं । अब उन्हें सामाजिक व्यवस्था को बदलने के लिए थोड़ा समय निकालना होगा । जैसा कि मैंने ऊपर बताया हममें से प्रत्येक को अपने जुनून, दर्द, निराशा, रचनात्मकता और अन्य भावों को व्यक्त करने के लिये एक मंच की आवश्यकता होती है l ऐसे में हमने समाज विकास की समान विचारधारा के सामाजिक उद्यमियों और कार्यकर्ताओं को एक मंच पर आने के लिए आमंत्रित करते है जो समाज की बेहतरी के लिये एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने को तैयार रहे l जिस काम को हमने हाथ में लिया है वह काफी बड़ा है और अगर इस काम में कई हाथ और जुड़ जाएं तो इसे और बेहतरी से हम पूरा कर सकते हैं l समाज विकास की विचारधारा से जुड़ने ने लिए आप समाजहित एक्सप्रेस के व्हात्सप ग्रुप पर अपना नाम,पता और मोबाइल नंबर पोस्ट कर सकते है l



No comments:

Post a Comment