Tuesday, December 10, 2019

ग्वालियर की स्वयंसेवी संस्था गोपाल किरण समाज सेवी संस्था द्वारा महिला और बालिका हिंसा विरोधी जागरूकता विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया



दिल्ली,समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरण समाज सेवी संस्था द्वारा 25 नवंबर 16 दिसंबर 2019 तक मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी जागरूकता पखवाड़ा के अवसर पर गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल थाटीपुर ग्वालियर में महिला और बालिका हिंसा विरोधी जागरूकता विषय पर   परिचर्चा का आयोजन किया गया l बालिकाओ को पुलिस की कार्यशैली से अवगत कराने हेतु थाटीपुर थाने का दौरा भी करवाया गया l इस दौरान संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, प्रीति शर्मा (S.I. उर्जा डेस्क), प्रमोद कुमार शर्मा (S.I.), प्रशंसा सिंह व प्रीति जोशी (महिला विशेष प्रकोष्ट) आदि मौजूद रहे l 

इस कार्यक्रम में महिला डेस्क-प्रभारी प्रीति शर्मा सब इंस्पेक्टर ने कहा के देश में महिलाओं व् बच्चियों पर हो रहे अपराधों में छेडछाड, बलात्कार, दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों से डरने की जरूरत नहीं है, इनका हम सबको साथ मिलकर डटकर मुकाबला करना होगा और कहीं पर भी इस तरह की घटना की आशंका होती है, तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देना होगी सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा l

संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया को बताया कि बालिकाओ को थाने के मालखाना, हवालात का भ्रमण कराने का मुख्य उद्देश्य पुलिस की कार्यशैली से अवगत कराने कराने और  बालिकाओ के मन में पुलिस के प्रति निडरता तथा अपराध होने से पहले ही सचेत होकर निडर पुलिस को जानकारी देने को लेकर जागरूक किया गया। इसके अलावा छात्राओ को एफआईआर प्रकिया एवं पुलिस हेल्पलाईन नंबर से अवगत कराकर, निडर तथा स्वालंभी बनाने का प्रयास किया गया।

प्रमोद कुमार शर्मा (S.I.) ने कहा कि बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में खुलकर जानकारी घर पर माता-पिता, और स्कूल में टीचरों की ओर से दिया जाना चाहिए l कुछ ज्यादा उम्र के लोग पीडियोफिलिया (बाल यौन अपराध) बीमारी से ग्रस्त रहते हैं l ऐसे में ये कम उम्र की बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं l उन्हें लगता है कि ये बच्चियां किसी से कुछ कहेंगी नहीं l इसके पीछे भी सुनसान क्षेत्र और अकेलापन एक हद तक जिम्मेदार होता है l
प्रशंसा सिंह व प्रीति जोशी (महिला विशेष प्रकोष्ट) ने कहा कि हिंसा मुक्त समाज बनाने के लिए सिर्फ कानून पर निर्भर नहीं रह सकते हैं l इसके लिए हर किसी को आगे बढ़ने की जरूरत है l हमारे समाज में तो जन्म से पहले से ही कानून बना हुआ है l गर्भ में पल रही लड़की के बचाव के लिए भी कानून है,  ताकि कोई इसे मारे नहीं, लेकिन कई बार अधिकार रहते हुए कानून कुछ नहीं कर पाता, क्योंकि उस समय महिला ही जानकारियों को छिपाकर अपराध की जिम्मेदार होती हैं l ऐसे में महिलाओं को सिर्फ अधिकार मिलने से कुछ नहीं होगा उन्हें आगे आकर अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा l

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