दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l मंगलवार 10 दिसम्बर को
अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर गोपाल किरन समाज सेवी संस्था द्वारा मानव
अधिकारों के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए ग्वालियर में एक विशेष कार्यशाला का
आयोजन किया गया l जिसमे भूपनारायण राम दास, सर्लाही-नेपाल, श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, छौलाल यादव, डॉ० पुरुषोत्तम अर्गल, जहाँआरा, डॉ० प्रवीण गोतम व आर.ए. मित्तल आदि शामिल हुए l
दुनियाभर में हर
साल 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है । मानवाधिकार दिवस
मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और भेदभाव
को रोकना है । मानवाधिकार के तहत मूलभूत स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार हैं l इन अधिकारों से किसी भी मनुष्य को नस्ल, रंग, जाति, धर्म, लिंग, भाषा, राष्ट्रीयता तथा अन्य विचारधारा आदि के आधार पर
प्रताड़ित या वंचित नहीं किया जा सकता ।
कार्यशाला का
आयोजन गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के निर्देशन
में किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूपनारायण राम दास, सर्लाही-नेपाल का स्वागत अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने शाल उढ़ाकर किया l कार्यशाला में वक्ताओ द्वारा मूलरूप से मानव के शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता से जीवन जीने का अधिकार, भूमि का अधिकार , न्याय का अधिकार, वस्त्र का अधिकार, भोजन एवं दवा के अधिकार से सम्बन्धित जानकारिया विस्तृत रूप से दी गई ।
कार्यक्रम का संचालन नवजीत सिंह ने किया l
इस अवसर पर
श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने कहा कि मनुष्य के रूप में जन्म लेते ही हम सभी
सार्वभौमिक मानव अधिकारों के स्वतः अधिकारी हो जाते हैं। भारत में वर्ण व्यवस्था
के चलते समाज के कुछ वर्गों को सार्वभौमिक मानव अधिकारों से वंचित रखा गया l बाबा साहब डॉ० भीमराव आंबेडकर इस पीड़ा से पीड़ित
रह चुके थे इसलिए उन्होंने भारतीय संविधान लिखते समय इन अधिकारों के तहत हर इंसान
को जिंदगी के लिए आजादी, समाज में बराबरी और सम्मान के अधिकार की
व्यवस्था की और इस व्यवस्था को तोड़ने वाले को अदालत द्वारा सजा देने का प्रावधान
भी दिया है l
उन्होंने आगे कहा
कि हमारे यहां निष्पक्ष न्यायपालिका, सक्रिय मीडिया ओर जागरूक
समाज है, फिर भी मानव अधिकार आयोग की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि कई बार व्यक्ति समझाने और मनाने से भी नहीं मानता और जीवन की
छोटी-छोटी बातें जो विवाद बन जाती हैं, मानव अधिकार आयोग उनका
सख्ती और समझाईश से रास्ता निकालता है ।
जहाँआरा ने
कार्यशाला को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण दी कि ग्वालियर में मानव अधिकार आयोग का
कार्यालय सिटी सेंटर में स्थित आरआई ट्रेनिंग सेंटर के पास है । यहां कोई भी आवेदक
अपनी शिकायत एक सादा कागज पर दे सकता है । जिसकी कार्यालय से पावती भी दी जाएगी।
इन शिकायतों को उसी दिन भोपाल स्थित आयोग कार्यालय में भेज दिया जाता है । भोपाल
आयोग की ओर से संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाता है । साथ
ही इस कार्रवाई की सूचना आवेदक को भी दी जाती है । साथ ही न्यूज़-पेपर में प्रकाशित
मानव-अधिकारों के हनन के मामलों पर आयोग स्वतः संज्ञान लेता है । वहीं आयोग से हर माह
निकलने वाली पत्रिका में भी इन शिकायतों की जानकारी दी जाती है । इससे मानव
अधिकारों की रक्षा हो सकेगी । इसलिये आप मानव अधिकारों के हनन पर शिकायत अवश्य
करें ।
अन्य वक्ताओ ने
कहा कि हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरुक होने की जरूरत है । तभी हम समाज में
अच्छी व्यवस्था बना पाएंगे। सुखी और सुरक्षित जीवन जीने का सभी को अधिकार है। यदि
इन अधिकारों पर कुठाराघात हो रहा है । तो कोई भी व्यक्ति जनहित याचिका के माध्यम
से न्याय प्राप्त कर सकता है। वर्तमान समय में महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छ
पर्यावरण मानव अधिकार की मांग है । यदि हम पर्यावरण की रक्षा के लिए सजग नहीं हुए
तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी । पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सबको
जागरुक और सजग होना पड़ेगा । तभी पर्यावरण की रक्षा और सुरक्षित जीवन संभव है।
अन्त में गोपाल
किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने मुख्य अतिथि, गणमान्य अतिथियों, विशेषज्ञ वक्ताओं, प्रतिभागियों एवं कार्यशाला को सफल बनाने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से
सहयोग देने वाले संस्था के सभी पद-अधिकारियों व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया ।
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