दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गुजरात में रैगर
समाज के समाजसेवियों व प्रबुद्ध बन्धुओं ने बुदवार को अहमदाबाद में रैगर जाति को
अनुसूचित जाति में शामिल करवाने व हक अधिकार दिलाने की मांग को लेकर केन्द्रीय
सामाजिक न्याय अधिकारिता व राज्य मंत्री रामदास आठवले भारत सरकार को ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन में बताया
कि रैगर जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की एकमात्र मांग कई वर्षों
से अखिल भारतीय रैगर समाज संगठन कर रहा है, परंतु इस जाति के लोगों की मांग की
अनसुनी की जा रही है। रैगर जाति के लोग आज भी गुजरात में अपने पारम्परिक व्यवसाय चमड़े
के जूते-चप्पल बनाने जैसे अनैच्छित कार्य कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर
रहे हैं । रैगर जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल नहीं होने के कारण रैगर
जाति का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया है । जिसका परिणाम यह है कि रैगर जाति के
लोग सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से आज भी पिछड़े
हुए हैं ।
रैगर समाज के समाजसेवी
नवरत्न गुसाईवाल ने कहा कि जब तक मांग की पूर्ति नहीं होती, तब तक समाज के सभी निर्धन छात्र-छात्राओं को अनुसूचित जाति
वर्ग की भांति विशेष वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था लागू कर शासकीय योजनाओं का लाभ
प्रदान किया जाए।
रैगर समाज के
समाजसेवी दशरथ भट्ट ने बताया कि वर्षों से एकमात्र मांग को लेकर रैगर समाज निंरतर सडक़ पर
संघर्ष कर रहा है, परंतु इस जाति के लोगों की मांग की अनसुनी की जा रही है ।
राजनैतिक पार्टी के नेताओं के द्वारा षडयंत्र के तहत रैगर समाज को वोट बैंक की तरह
इस्तेमाल किया गया है ।
गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश में भी प्रयास किए जाए ।
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