दिल्ली समाजहित
एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l गोपाल किरन समाज
सेवी संस्था ग्वालियर के तत्वावधान में शुक्रवार को सुजाता बुद्ध बिहार, थाटीपुर में भारतीय संविधान के निर्माता व समाज सुधारक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 63वें महापरिनिर्वाण दिवस पर एक कार्यक्रम
का आयोजन किया गया l इस अवसर पर सुजाता बुद्ध बिहार, थाटीपुर में स्थित डा.
आंबेडकर प्रतिमा पर अध्यक्ष श्रीप्रकाश निमराजे सहित विभिन्न संगठनों के
पदाधिकारियों ने माल्यार्पण व नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
इस कार्यक्रम का
शुभारंभ बुद्ध वंदना से शुरू किया गया जिसमे श्री बनोरिया स्कूल के बच्चों ने भाग
लिया l इस अवसर पर गोपाल किरन समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश निमराजे ने देश
की वर्तमान दशा एवं दिशा पर बाबा साहब डॉ आंबेडकर के विचारो की प्रासंगिकता पर
अपने बहमूल्य विचार रखे एवं उनके विचारों को फैलाने पर जोड़ देते हुए उनके मार्ग पर
चलने के लिए प्रेरित किया l
उन्होंने आगे कहा
कि भारतीय समाज में जैसे-जैसे स्वतंत्रता और आधुनिकता का विस्तार हुआ, वैसे-वैसे महिलाओं के प्रति संकीर्णता का भाव बढ़ा है l देश में महिला अपराधों के विरुद्ध संविधान निर्माता व समाज सुधारक डॉक्टर
भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान में कड़े कानूनी प्रावधानों द्वारा कानूनी संरक्षण प्रदान
किया गया है, इसके बावजूद भी आज महिलाओ पर अत्याचार बढ़ रहे है, महिलाएं और
बच्चियां आज भी छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, बलात्कार और दूसरे
अपराधों का शिकार हो रही है । महिलाएं और बच्चियां सड़कों पर अकेले चलने से डरती
हैं । इसका मतलब यह हुआ कि महिला अत्याचार विरोधी कानून का खौफ नहीं है या यों
कहें कि कानून का ईमानदारी से पालन नहीं हो रहा है l जिसके कारण बलात्कारियों और
यौन उत्पीड़नकर्ताओं का हौसला बुलंद होता है l
निमराजे ने आगे
कहा कि आज के इस माहौल में लोगो और खासकर महिलाओ को जागरूक होने की आवश्यकता है।
जागरूक होने के साथ साथ मानसिक सोच को बदलने की जरूरत है। भारतीय संविधान में
पुरुषो और महिलाओं को बराबर की स्वतंत्रता है और खुले आम घूमने-फिरने का भी हक़ है।
महिलाओं पर बढ़ रहे अनेक प्रकार के अत्याचारों को रोकने के लिए इक्कीसवीं सदी की
सोच के साथ सही रास्ता अपनाते हुए लोगो को जागरूक होने की आवश्यकता है। सरकार व
प्रशासन को भी महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उचित कदम उठाने होंगे।
इसके अलावा महिलाएं भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को बिल्कुल न सहे। अपने ऊपर हो रहे
जुल्म और अत्याचारों की आवाज बुलंद करें l
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