Friday, October 30, 2020

भारत की बेटी दिव्यांग आस्था ने आत्मविश्वास से प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर इतिहास रचा

 


दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l देहरादून के करोखी गांव निवासी बलवंत सिंह पटवाल की 16 वर्षीय बेटी आस्था पटवाल  ने अपनी काबिलियत, अपनी मेहनत और अपने दृढ़ संकल्प से हाल ही में संयुक्‍त राष्‍ट्र की 'यूएन वर्ल्‍ड डेटा फोरम कंपटीशन'  नामक एक प्रतियोगिता में दूसरा स्‍थान हासिल कर एक नया इतिहास रच कर उत्तराखंड के नाम का परचम पूरी दुनिया में लहरा दिया है ।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहाड़ की बेटी व दून निवासी आस्था पटवाल, बलवंत सिंह पटवाल की चार संतानों में एक है l वह न देख सकती हैं और न ही सुन सकती हैं। हाल ही में आस्था ने अपनी इसी कमजोरी को अपनी ताकत में बदला और आज उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक माने जाने वाली संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 'यूएन वर्ल्‍ड डेटा फोरम कंपटीशन'  नामक एक प्रतियोगिता में शामिल होकर उन्होंने पूरी दुनिया में दूसरा स्थान अर्जित किया है ।

आस्था पटवाल दिव्यांगों को एक आम नागरिक का दर्जा दिलवाने की जिद को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रही है और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 'यूएन वर्ल्‍ड डेटा फोरम कंपटीशन'  नामक एक प्रतियोगिता के माध्यम से विश्व पटल पर अपनी बात रखी और परिणाम आस्था के हक में आया l उसने पूरे विश्व में दूसरा स्थान प्राप्त किया । आखिरकार आस्था पटवाल ने अपनी काबिलियत, अपनी मेहनत और अपने दृढ़ संकल्प से एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है l आस्था द्वारा बनाई गई सांकेतिक भाषा व इशारों में एक मिनट की वीडियो में उन्होंने एक गंभीर मुद्दे की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है ।

आस्था पटवाल के इस वीडियो को सेंस इंडिया नाम के अहमदाबाद के एनजीओ ने बनाया और सपोर्ट किया है । आस्था पटवाल ने कहा- जनगणना के जरिए हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम भी इसी दुनिया का हिस्सा हैं । मैं बड़ी होकर टीचर बनना चाहती हूं और अपने जैसों की मदद करना चाहती हूं।

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