Tuesday, January 14, 2020

जानें- क्या है रेड कार्पेट और लालफीताशाही ?



रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया.    
रेड कार्पेट को खास मौकों पर खास लोगों के लिए बिछाया जाता है, रेड कार्पेट पर चलना शोहरत, खास कार्यक्रम, सम्मान आदि से जोड़ा जाता है l आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस रेड कार्पेट की शुरुआत कब से हुई? वैसे तो इस शाही परंपरा की शुरुआत विदेश में हुई थी, लेकिन हैंडमेड कार्पेट बनाने में भारत सबसे ऊपर है l ग्रीक मान्यताओं के अनुसार सिर्फ भगवान ही रेड कार्पेट पर चल सकते हैं l
आधिकारिक तौर पर सबसे पहली बार रेड कार्पेट का इस्तेमाल साल 1821 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति जेम्स मॉरोय के स्वागत में यह बिछाया गया था l उसके बाद साल 1902 में रेड कार्पेट का इस्तेमाल न्यूयॉर्क में न्यू एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों के लिए किया था l उसके बाद 1920 के बाद से यह हॉलीवुड और फैशन इवेंट में आम हो गया l
भारत में कब आया रेड कार्पेट?
अगर भारत की बात करें तो ऐसा खास उल्लेख नहीं है कि भारत में पहली बार इसका कब इस्तेमाल किया गया l हालांकि कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल साल 1911 में दिल्ली दरबार में हुआ था, जब तत्कालीन वॉयसरॉय लॉर्ड हार्डिंगे ने किंग जॉर्ज वी के लिए यह बिछवाया था l लाल किले के अंदर जंगल को साफ करवाया गया था और किंग जॉर्ज वी के साथ क्वीन मैरी के लिए यह इस्तेमाल किया गया l हालांकि अब कोई विदेशी मेहमान के लिए राष्ट्रपति भवन, लोकसभा और राज्यसभा में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है l
लालफीताशाही क्या है ?
आमतौर पर सरकारी विभागों में अफ़सरशाही द्वारा अत्यधिक नियमों के नाम पर कर्मचारियों और अधिकारियों के द्वारा जानबूझ कर जनता के कामों में की जाने वाली देरी हो तो इसे लाल फीताशाही (Red tapism) कहते हैं । इसकी शुरुआत कैसे हुई यह कहना तो मुश्किल है लेकिन सोलहवीं शताब्दी के ऐतिहासिक रिकार्डों में इसका ज़िक्र मिलता है l
विश्व में प्रायः लोग शासन और प्रशासन के विभागों में नौकरशाहों के इर्दगिर्द घूमते हुए दिखाई देते है । नौकरशाही अपने नकारात्मक अर्थों में जैसे भ्रष्टाचार, पक्षपात, अहंकार व अभिजात्य के लिए कुख्यात है l सरकारी कार्यालयों में नियमों के नाम पर कर्मचारियों और अधिकारियों के द्वारा जानबूझ कर जनता के कामों में की जाने वाली अनावश्यक देरी या शिथिलता ही लालफीताशाही है l आख़िर यह बुरी आदत कहाँ और कब शुरू हुई जिसने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले लिया है l
लालफीताशाही अनेक देशों में सरकार और दफ़्तरों को दीमक की तरह चाटती है जिसका परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ता है l देश और समाज की आधारभूत सुविधाओ के लिए अनुशंसित राशि भी लाल फीताशाही के चलते अफ़सरशाही रिलीज नहीं करते, जिसके कारण जनता को जलापूर्ति, सीवरेज एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता, जल निकासी, समुदायिक परिसंपत्तियों के रखरखाव, सड़क, फुटपाथ एवं स्ट्रीट लाइट के रखरखाव, श्मशान-कब्रिस्तान के रखरखाव जैसे कार्य ठप हो जाते है, देश और समाज का विकास कार्य रुक जाता है l
एक सर्वे के अनुसार भारत में लालफीताशाही की जड़ें गहरी हैं l वैसे इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर सरकारी विभागों के लिए किया जाता है लेकिन यह अन्य संस्थाओं पर भी लागू हो सकता है l

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