1. जिनकी उम्र 45 साल से ऊपर है, वे अचानक दौड़ना न शुरू करें. अक्सर सुनने में आता है कि
मैराथन दौड़ के दौरान कई लोग बेहोश हो जाते हैं, इसलिए मेडिकली फ़िट होने पर ही दौड़ें. इसके लिए आप अपने
डॉक्टर से सलाह लें. हार्ट और न्यूरो मरीज़ों को मैराथन में शामिल नहीं होना
चाहिए. सबसे पहले अपना फ़िटनेस लेवल चेक करवाएं. इससे यह भी पता चलता है कि क्या
आपका हार्ट मैराथन का स्ट्रेस झेलने में सक्षम है या नहीं.
2. जहां, फ़िज़िकल फ़िटनेस की अहमियत को कोई नकार नहीं
सकता, वहीं मानसिक रूप से
मज़बूत होना भी बहुत ज़रूरी है. यही कारण है कि फ़िज़िकल फ़िटनेस की ट्रेनिंग के
साथ आपको ख़ुद को मानसिक तौर पर भी दौड़ के लिए तैयार करना होगा.
3. अपने तलवे के शेप
के अनुसार फ़ुटवेयर पहनें, क्योंकि ऐसा देखा
गया है कि ज़्यादातर धावक ग़लत रनिंग शूज़ पहनने के चलते चोटिल हो जाते हैं. हर 300 से 350 मील की दूरी तय करने के बाद अपने जूते बदलें, ऐसा इसलिए क्योंकि जूतों का कुशन कम हो जाता है, जिससे पैर चोटिल हो सकते हैं.
4. दौड़ की शुरुआत
धीरे-धीरे करें, बॉडी में फ़्लूइड
का बैलेंस बनाए रखें, एक हफ़्ते पहले
से इलेक्ट्रॉल, जूस और पानी
भरपूर लें, ताकि कभी भी बॉडी में
फ़्लूइड की मात्रा कम न होने पाए. शरीर में पानी का लेवल बनाए रखने के लिए आप
दिनभर पानी पीते रहते हैं, लेकिन दौड़ने से
पहले थोड़ा ज़्यादा पानी पिएं. दौड़ने के दौरान और बाद में भी पानी पीते रहें.
भरपूर पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बना रहेगा. नारियल पानी,
नींबू पानी या कोकम जूस नैचुरल स्पोर्ट्स
ड्रिंक हैं. लंबी दूरी की दौड़ के दौरान इन्हें पीने से न केवल शरीर हाइड्रेटेड
रहता है, बल्कि इलेक्ट्रोलाइट्स का
संतुलन भी बरक़रार रहता है.
5. प्राणायाम का
अभ्यास करें. नियमित रूप से प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता
है. ऑक्सीजन हमारे शरीर के हर सेल के लिए बेहद अहम् होता है. इसके बिना सेल्स
ऊर्जा का निर्माण नहीं कर सकते. यदि आपको प्राणायाम में रुचि न हो तो कोई दूसरा
एरोबिक एक्सरसाइज़ करें. एरोबिक एक्सरसाइज़ से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती
है और तेज़ दौड़ने में मदद मिलती है.
6. प्रतियोगिता से
पहले अपने शरीर में ग्लायकोजन का स्टोरेज बढ़ाने की कोशिश करें. लो ग्लाइसेमिक
इंडेक्स वाले फ़ूड्स, जैसे-साबुत अनाज,
गेहूं, फल, सब्ज़ियों द्वारा शरीर
में कार्बोहाइट्रेट की मात्रा बढ़ाएं. मैराथन में शामिल होने से दो से तीन दिन
पहले डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बढ़ा दें.
7. दौड़ना शुरू करने
से पहले वार्मअप करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि दौड़ना तीव्र गति से किया जानेवाला कार्डियो एक्सरसाइज़ है. वार्मअप
करने से आपके पैर, हिप्स और बट्स
मज़बूत होते हैं और आपको दौड़ने में मदद मिलती है.
8. दौड़ पूरी होने
के बाद अचानक न रुकें. अपनी गतिविधि की तीव्रता को धीरे-धीरे कम करने का अभ्यास
करें. इससे शरीर के अंगों को सामान्य स्थिति में आने में मदद मिलती है.
9. पहली बार मैराथन
में शामिल होने वालों को इसके लिए कम से कम तीन महीने से तैयारी करनी चाहिए. जो
लोग ऐसा नहीं कर पाए हैं फिर भी मैराथन में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें भी तैयारी करनी होगी. सबसे पहले
उन्हें कार्डियोवेस्कुलर ट्रेनिंग लेनी होगी, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पावर बढ़ाना होगा और बॉडी में
फ़्लैक्सिबिलिटी लानी होगी.
10. दौड़ने के एक
घंटे बाद ही कुछ खाना चाहिए. आप पानी पीते रहें, क्योंकि दौड़ने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की बहुत कमी हो
जाती है. एनर्जी के लिए नींबू पानी, नारियल पानी या सादा पानी ले सकते हैं. दौड़ने के एक घंटे बाद केले, अंडे, सेब या ऑमलेट लिए जा सकते हैं. अपने खाने में नमक भी शामिल करें, क्योंकि दौड़ते समय ज़्यादा पसीना आने से शरीर
में नमक की कमी हो जाती है.
दौड़ने के फ़ायदे
1. ऊर्जा और
स्टैमिना में वृद्धि होती है.
2. हृदय रोगों और
स्ट्रोक का ख़तरा कम होता है.
3. मोटापा कम होता
है.
4. बैड कोलेस्ट्रोल
कम होता है.
5. इम्यून सिस्टम
बेहतर होता है.
6. शरीर की
फ़्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है.
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