Sunday, December 22, 2019

डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के सदस्य विकेश खोलिया ने प्रमुख सामाजिक कल्‍याण योजनाओं की जानकारी दी



नई दिल्‍ली के जनपथ पर स्थित आंबेडकर फाउंडेशन भवन के परिसर में राज्य-अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष व डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के सदस्य विकेश खोलिया से सामाज कल्‍याण की योजनाओं पर समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया ने विस्तार से बातचीत की l बातचीत के दौरान दिल्ली प्रांतीय रैगर पंचायत की उपप्रधान व कवियत्री श्रीमती चंद्रकांता सिवाल व नवरत्न गुसाईंवाल भी उपस्थित रहे l

अनुसूचित जाति/ जनजाति के समग्र विकास को आगे बढ़ाने में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की स्वशासी संस्था डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । भारत और विदेश में डॉ. अम्बेडकर के विचारों के प्रसार के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की स्वशासी संस्था के रूप में फाउंडेशन का गठन मार्च, 1992 में किया गया ।

डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के सदस्य विकेश खोलिया ने बातचीत के दौरान सामाजिक न्याय एवं मानव गरिमा संस्थान के सचिव नवरत्न गुसाईंवाल द्वारा संकलित सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी योजनाओ की पुस्तक को भेट करते हुए योजनाओं के बारे में खुलकर बताया कि समाज के विकास के लिए भारतीय सविधान में क्रांतिकारी प्रावधान दिये गए है जिसके तहत भारत सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, जैसे शिक्षा की प्रगति के लिए डॉ. अम्बेडकर मैट्रिक पूर्व और पश्चात छात्रवृत्ति योजना, चिकित्सा सहायता, अत्याचार पीड़ित लोगों को राहत, अतंरजातीय विवाहित जोड़ों को सहायता, कौशल विकास तथा उद्यमशीलता आदि ऐसी बहुत सारी योजनायें है जो इस पुस्तक में है ।

विकेश खोलिया ने आगे बताया कि डॉ. अम्बेडकर चिकित्सा सहायता योजना के के अतंर्गत अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को जिनके परिवार की आय ढाई लाख रूपये सालाना है उन्हें किडनी, सर्जरी, ह्रदय, लीवर, कैंसर और मस्तिष्क की गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगों और अंग प्रत्यारोपण तथा स्पाइनल सर्जरी सहित गंभीर बीमारियों में चिकित्सा सहायता दी जाती है ।
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के सभी छात्रों को बी.टेक, डुअल डिग्री, एम.टेक, एम.एस.सी., एम.एस. एवं पीएचडी इत्यादि में टयूशन शुल्‍क का भुगतान करने से छूट दी जाती है । भले ही उनके माता पिता की आय कितनी भी क्‍यों न रही हो । मेस की निशुल्‍क सुविधा (मूलभूत मेनू) और 250 रूपये प्रति महीने का जेब भत्‍ता प्रदान किया जाता है, बशर्ते कि उनके माता पिता की आय दो लाख रुपये वार्षिक से कम हो ।

राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जातियों के लाभार्थियों को विभिन्‍न क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों में जीवन कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिनमें  परिधान सिलाई, मोबाइल की मरम्मत, हस्तशिल्प, बिजली मिस्त्री, नलसाजी (पलम्‍बिंग), मोटर ड्राइविंग, सौंदर्य और सेहत, सुरक्षा गार्ड, स्वास्थ्य सेवा इत्‍यादि शामिल हैं। लघु स्‍तर के विभिन्‍न व्‍यवसायों की स्‍थापना के लिए ऋण दिये गये हैं जिनमें किराने की दुकानें, हार्डवेयर की दुकानें, जूते बनाने वाली दुकानें, दर्जी की दुकानें, फर्नीचर बनाने एवं मरम्मत की दुकानें, फोटोग्राफी, दवा की दुकानें, कृषि में पॉली-हाउस, वाणिज्यिक वाहनों की खरीद, कंप्यूटर मरम्मत की दुकानें, ई-रिक्शा, सुअर पालन फार्म, सिले-सिलाये परिधान, स्वच्छता वाहन, इत्‍यादि शामिल हैं। इसके लिए 50000/-रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक के ऋण दिये जाते हैं, जिनका पुनर्भुगतान 3 से 10 वर्षों में किया जाना है। इन पर 3.5 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत तक ब्‍याज देय हैं ।
महान संतों की जयंती/ पुण्यतिथि मनाने के लिए अंबेडकर योजना के तहत सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने, असमानता और भेदभाव को समाप्त करने और समाज के कमजोर वर्गों के लोगों की स्थिति को सुधारने में अथक प्रयास करने वाले महान संतों की जयंती बनाने के लिए मान्यता प्राप्त कॉलेजों/विश्वविद्यालयों/संस्थानों तथा पिछले 2 वर्ष से कार्य कर रहे पंजीकृत एनजीओ को अनुदान सहायता देने का प्रावधान है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निषेध) अधिनियम 1989 के अंतर्गत संशोधित अधिनियम 2016, में नए अपराधों और वर्तमान अपराधों के लिए राहत में वृद्धि की गई । पहली बार बलात्कार और सामूहिक बलात्कार को शामिल किया गया है । सामूहिक बलात्कार मामले में राहत राशि बढ़ाकर 8.25 लाख रुपये कर दी गई है और बलात्कार के मामले में राशि 5 लाख रुपये का प्रावधान है । अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामलों की सुनवाई आरोप पत्र दाखिल करने की तिथि से 2 महीने के अंदर पूरी कर ली जाएगी ।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा कौशल विकास मैला ढोने से जुड़े व्यक्तियों समेत निर्धनों में सबसे निर्धन व्यक्ति को परिधान सिलाई, हस्तकला, इलैक्ट्रीशियन, मोटर ड्राइविंग, ब्यूटी एवं वेलनेस, फर्नीचर एवं फीटिंग जैसे विविध क्षेत्रों में विभिन्न जीवन कौशल कार्यकलापों में प्रदान किया जाता है । किराना दुकान, हार्डवेयर दुकानें, चमडें की वस्तुओं की दुकानें, दर्जी की दुकानें, मेडिकल दुकानें, मोमबत्ती एवं मसाला निर्माण तथा वितरण, ई-रिक्सा, सुअर पालन, रेडीमेड परिधान, झाडु निर्माण, स्वच्छता वाहन, मछली के स्ट़ॉल, इमिटेशन ज्वैलरी आदि की स्थापना के लिए 50 हजार रुपये से 25 लाख रुपये तक ऋण दिये जाते हैं ।

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