Tuesday, January 28, 2020

सामाजिक संगठन/संस्था/NGO के कार्यकर्ता

अगर आप किसी सामाजिक संगठन/संस्था/NGO के कार्यकर्ता हैं,तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें व मन से पढ़ें 
प्रिय बंधु/भगिनी,
सामाजिक संस्थाओं में कार्यकर्ता बनना और नाराज होना दोनों चीजें साथ नहीं चल सकती है। इसलिए या तो ये समाज सेवा का ढोंग छोड़ो या नाराज होना छोड़ो...!
  कोई भी संस्था या संगठन बिना अनुशासन के नही चल सकता ! परिवार और संगठन संचालन में कोई अंतर नही है एक सीमा में किया गया मर्यादा उल्लंघन घर के भीतर बैठ कर सुना जा सकता है और सभी को  यथोचित समाधान भी मिलता है लेकिन सीमा से बाहर जाकर किया गया व्यवहार किसी के लिए भी क्षमा योग्य नही है चाहे वह संगठन में कितना भी बड़ा और महत्वपूर्ण हो ! वह संगठन के अनुशासन का विषय है यही बातें बाद में अन्यों के लिए उदाहरण बनती है ।
संगठन  के संचालन में जिसके पास निर्णय करने का अधिकार है संगठन के मुखिया के नाते उसको कभी कभी उसके विपरीत निर्णय भी करना पड़ता है हम ये भी जानते है कि घर परिवार और संगठन बात करने , समझाने, और माफ करने से चलते है  ये निर्णय एक संदेश देने के लिए होते है हमेशा की दुश्मनी के लिए नही और समय आने पर पुनः साथ आ जाते है बहुत सी बातों का समाधान उस समय नही होता लेकिन समय आने पर उसका समाधान निकल ही आता है
मत अनेक-  निर्णय एक की कार्यपद्धति से काम करने वाले हम लोग वर्ष भर देश, समाज के लिए निश्वार्थ भाव से काम करने की उद्घोषणाए करते है भाषण सुनते है मानते भी है लेकिन जैसे ही कभी हमारे मन के विपरीत या विरुद्ध कोई निर्णय होता है हम सब का सच्चा चरित्र सब के सामने आ ही जाता है कि हमने उस निर्णय को कितने मन से स्वीकार किया है ईश्वर ने ये खूबसूरत चेहरा इसलिए ही तो दिया है क्योंकि ये हमारी पहचान तो है ही , साथ ही ये मन के अंदर चलने वाले भावों को बखूबी सार्वजनिक कर देता है और समाज जीवन का अनुभव रखने वाले लोग इन सब की परख करना जानते भी है और पहचानते भी है कि निर्णय के बाद आपका चेहरा क्या बोल रहा है आपके शरीर की भाषा क्या बोल रही है आप किन शब्दो में और किन भावों से बात कर रहे हो ! तब पता चल ही जाता है कि  आप किन छोटी बातों पर नाराज हुए हो ! जैसे:-
👉 मेरा सुझाव नही माना गया ।
👉आपने किसी और का सुझाव मान कर निर्णय किया जिसको मैं पसंद नही करता ।
👉 आपने मुझे नही दिया कोई बात नहीं लेकिन उसको क्यो दे दिया ।
👉 किसी कार्यकर्ता ने मेरा अपमान कर दिया
👉मेरा फोटो नहीं छपा
👉मेरा निमंत्रण पत्रिका में नाम नहीं था,
👉मुझे उसमें कुछ मिलने वाला नहीं था
👉 मुझे कोई पद नहीं मिला
👉मुझे कोई सुनता नहीं है
👉मुझे स्टेज पर नहीं बैठाया
👉मेरा सम्मान नहीं किया
👉मुझे बोलने का मौका नहीं दिया,
👉बार बार आर्थिक बोझ मुझ पर डाल दिया जाता है
👉सभी काम मुझे सौंपा जाता है
👉कोई सुझाव लेते नहीं है....
वगैरह-वगैरह

यह सब क्या है????? इसलिए हम कार्यकर्ता बने हैं..? समाज सेवा का मतलब है यह-सभी बातों का छोड़ देना, और जो छोड़ दे, वही एक अच्छा कार्यकर्ता है , बाकी समाज सेवा का ढोंग करने वाले बहुत मिलते हैं

सच्चा कार्य वही है जो देश ,समाज, संस्था के हित को सर्वोपरि बना सके इसलिए कहा है कि समाज सेवा मतलब तलवार की धार पे चलने का कार्य, और यह कोई कायरों का काम नहीं !
क्या हम ये 9 संकल्प कर सकते हैं?
1. संस्था का अनुशासन मेरे लिए सर्वोपरि है मैं अपने अहम को संगठन संचालन में बाधक नही,  साधक बनाऊँगा !
2. मेरे लिए व्यक्ति नही , संगठन और  विचार महत्वपूर्ण है मैं संगठन से जुड़ा कार्यकर्ता हूँ ना कि किसी व्यक्ति से जुड़ा कार्यकर्ता हूँ !
3. मेरे लिए संस्था का सम्मान पहले है मेरा मान-अपमान बाद में है !
4. संगठन का मतलब सबको साथ लेकर चलना है हमेशा सबको जोड़ने की बात करूंगा , और तोड़ना अपराध है मेरे कारण कोई भी टूटे ना इसका हमेशा ध्यान रखूंगा !
5.संगठन में कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण धन है - चरित्र का धन । इस पर कभी अंगुली उठे ऐसा अवसर नही दूंगा !
6. सार्वजनिक संस्थाओं और संगठनों  में कार्यकर्ता के लिए आर्थिक हिसाब-  किताब में पूर्णतया पारदर्शिता दूसरा बड़ा धन है हमेशा इसकी रक्षा करूँगा !
7 . संगठन के लिए अपनी व्यक्तिगत गलत आदतों (काम , क्रोध, लोभ ,लालच , आलस्य , राग, द्वेष, ईर्ष्या आदि )का  त्याग करूँगा और अपने व्यवहार को संगठन के अनुरूप बनाऊँगा !
8. संगठन और इसके किसी कार्यकर्ता के बारे में सार्वजनिक रूप से कहीं भी गलत शब्दो का इस्तेमाल नही करूँगा अपनी बात उचित स्थान पर ही कहूंगा !
9. अपनी सामर्थ्य से ज्यादा , निश्वार्थ भाव से तन-मन-धन से संगठन का और इस विचार के लिए जीवन पर्यंत  कार्य करूँगा !
इन्ही संकल्पो के साथ अंत में यही कहना है कि
जिंदगी में संघर्ष जरूरी है इसलिए जो लोग समाज सेवा में अपना मूल्यवान समय दे रहे हैं वे तन-मन-धन से सहयोग देकर समाज के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाएं...🙏
एक बनो, नेक बनो🤝🏻🤝🏻🤝🏻

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