दिल्ली,समाजहित
एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l आजकल रैगर समाज के कई परिवारों द्वारा
बिना कोई दहेज लिए विवाह कर समाज की युवा पीढ़ी को समाज सुधार का संदेश देने की
कोशिश की जा रही है। बाड़मेर में जटियों का नया वास निवासी सिविल जज विजय कुमार बोकोलिया
(RJS) पुत्र श्रीमती सुशीला देवी व हेमराज बोकोलिया ने भावना पुत्री घनश्याम नवल से सवा रुपया व
नारियल लेकर शादी रचाकर दहेज रूपी सामाजिक कुप्रथा से त्रस्त समाज के सामने एक
अनूठी मिसाल पेश की हैं । समाज के बुद्धिजीवियों व रिश्तेतारों ने इस शादी की सराहना की ।
प्राचीन काल से भारतीय समाज में व्याप्त
सामाजिक कुरीति दहेज़ प्रथा महामारी का रूप धारण कर चुकी है l दानव रूपी दहेज प्रथा के
खिलाफ रैगर समाज ने जिस मुहिम की शुरुआत की है, उसके अब सकारात्मक नतीजे
देखने को मिल रहे हैं l समाज के लोग आपसी सहमति के ज़रिये कुछ जगह इस प्रथा का
सामूहिक बहिष्कार भी किया जा रहा है l
बाड़मेर में
जटियों का नया वास निवासी सिविल जज विजय कुमार बोकोलिया (RJS) पुत्र श्रीमती सुशीला देवी व हेमराज बोकोलिया ने भावना पुत्री घनश्याम नवल से
सवा रुपया व नारियल लेकर शादी रचाकर समाज की युवा पीढ़ी को एक आदर्श परम्परा का सन्देश दिया है । इस सादे विवाह
समारोह में समाज के बुद्धिजीवियों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लेकर वर-वधू को
आशीर्वाद दिया। विवाह की सभी रस्म सादे माहौल में संपन्न हुई । इस अनूठी शादी को
देख कर हर कोई हैरत में था l हर कोई यही कहता दिखा कि अगर सभी जगह ऐसा होने लगे तो
दहेज के चलते न किसी की बेटी जलेगी और न ही किसी बहू को शर्मिंदा होना पड़ेगा l
रैगर समाज के लोग
कुछ बातों को अपना कर समाज में व्याप्त दहेज़ की इस बुराई को मिटाया जा सकता है । इसके लिए अपनी बेटी के साथ
बिना किसी भेदभाव के सामान्य व्यवहार करें । अपनी बेटियों को शिक्षित करें, और उन्हें
अपने कैरियर के लिए प्रोत्साहित करें, उन्हें स्वतंत्र और जिम्मेदार होना सिखाएं । समाज में दहेज देने या
लेने की प्रथा को प्रोत्साहित न करें । शिक्षा एवं स्वतंत्रता एक शक्तिशाली एवं
मूल्यवान उपहार है जो उनको वित्तीय रूप से सुदृढ़ होने में मदद करेगा तथा परिवार
के लिए योगदान देने वाला सदस्य बनाएगा l
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