दिल्ली, समाजहित
एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l दिल्ली के नांगलोई स्थित पंजाबी बाग सब डिवीज़न कार्यालय पर
शनिवार को प्रात: 74वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एस० डी० एम० निशांत बौद्ध द्वारा ध्वजारोहण किया गया l इसके बाद सामाजिक
दूरी का पालन करते हुए राष्ट्रगान हुआ । ध्वजारोहण के दौरान दिल्ली सिविल डिफेंस
जिला पश्चिम की टीम के वार्डनों एवं वॉलिंटियर्स के द्वारा सलामी दी गई l एस० डी०
एम० निशांत बौद्ध द्वारा कोरोना महामारी के दौरान
उत्कृष्ट कार्य करने वाले वारियर्स दिल्ली सिविल
डिफेंस के वॉलिंटियर, स्वास्थ्य कर्मी, आशा वर्कर और सफाईकर्मी को पुरस्कार देकर सम्मानित
किया l कोरोना के कारण
आयोजनों में भीड़ एकत्रित नहीं की गई ।
स्वतंत्रता दिवस को
उत्साह, उमंग एवं उल्लास के साथ समारोह पूर्वक मनाया गया। नांगलोई
में शनिवार को जश्न-ए-आजादी के लिए पंजाबी बाग सब डिवीज़न कार्यालय को भव्य रूप से
सजाया गया । इस अवसर पर सब-डिवीज़न विभाग के अधिकारी- कर्मचारी और सिविल डिफेंस
वार्डन एवं वॉलिंटियर्स उपस्थित थे । सुबह से ही सब-डिवीज़न कार्यालय परिसर में उत्साह
का माहौल नजर आया । दिल्ली में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों ने शारीरिक दूरी
का पालन किया और सभी मास्क पहने नजर आए ।
स्वतंत्रता दिवस
की परंपरा और कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8.30 बजे एस० डी० एम० साहब पहुंचे तो डिप्टी
चीफ वार्डन संतराम कौशिक ने उनका अभिनन्दन किया l वहां से सम्मान के साथ सेक्टर
वार्डन परवेश मेहरा और जिया लाल द्वारा मुख्य अतिथि की अगवाई करते हुए उनको ध्वजारोहण
स्थल तक लेकर गए l जहाँ पोस्ट वार्डन मयंक नागर के नेतृत्व में सिविल डिफेन्स की
सम्मान गारद ने एस० डी० एम० साहब को सलामी दी l सम्मान गारद के निरिक्षण के बाद एस०
डी० एम० साहब ने ध्वजारोहण किया l ध्वजारोहण के पश्चात सभी के द्वारा सामूहिक सस्वर में राष्ट्रीय-गान
किया गया और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई l
इस अवसर पर कोरोना
महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले वारियर्स दिल्ली सिविल डिफेंस के पोस्ट
वार्डन बिजेंद्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग से डॉ० ज्योति, नांगलोई से आशा वर्कर मीनाक्षी और सफाईकर्मी रविन्द्र को मुख्य अतिथि
निशांत बौद्ध साहब (एस० डी० एम०) ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया l
मुख्य अतिथि निशांत
बौद्ध साहब(एस० डी० एम०) ने अपने संदेश में कहा कि असंख्य शहीदों की शहादत के बाद 15
अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था इसलिए इसे स्वतंत्रता दिवस
के तौर पर मनाते हैं । आज के दिन हम उन असंख्य शहीदों की शहादत को नमन् करते है l
उन्होंने आगे कहा
कि हर भारतीय के लिए
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दो दिन सबसे महत्वपूर्ण है
l इन दोनों के बीच कुछ मूलभूत अंतर है l जो यह है कि 15 अगस्त, 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी तब 14
अगस्त 1947 की आधी रात को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने
लालकिले पर ब्रिटिश झंडे को
नीचे उतारकर, भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया था, और फहराया गया था । इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहा जाता है । जबकि 26 जनवरी 1950
को हमारा संविधान लागू हुआ, तब देश को गणतंत्र घोषित किया गया । 25 जनवरी 1950 तक भारत
गणतंत्र नहीं था l 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं l दोनों दिनों में
ध्वज फहराना अपने देश के ध्वज को सम्मान देना होता है ।
डिप्टी चीफ
वार्डन संतराम कौशिक ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारी शान और पहचान है । उसकी
आन-बान-शान बरकरार रखने के लिए सैनिक ही नहीं आम जनता भी हमेशा अपना सर्वस्व
न्यौछावर करने के लिए तैयार रहती है । भारतीय आजादी और इसकी अखंडता को बरकरार रखने
के लिए बहुत से लोगों ने बलिदान देकर हिंदुस्तान के राष्ट्रध्वज तिरंगे का सम्मान
बरकरार रखा है।
उन्होंने आगे कहा
कि आज कोरोना महामारी की चुनौती का मुकाबला, हम स्वयं की समझदारी, आत्म अनुशासन और जन-जागरूकता से ही कर सकते हैं । उन्होने आह्वान किया कि आज
के इस अवसर पर हम सब यह संकल्प करें कि अपने कार्य, विचार और व्यवहार के
माध्यम से समुन्नत, सुद्ढ़ भारत के सपने को साकार करने में सार्थक
एवं सकारात्मक पहल सुनिश्चित करेंगे ।
इस अवसर पर कुलदीप
सिंह (एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट), मोहित मान (नायब तहसीलदार), राजेश कौशिक (रीडर), डिप्टी
चीफ वार्डन संतराम कौशिक, डिवीज़नल वार्डन प्रीतम सिंह गुलाटी, रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया,
देवेन्द्र दहिया, ओम प्रकाश शर्मा, डिप्टी डिवीज़नल वार्डन बालकिशन सबलानिया, एल०डी० जोशी,
पोस्ट वार्डन बिजेंद्र सिंह, मयंक नागर, सेक्टर वार्डन परवेश मेहरा, राहुल प्रकाश,
जियालाल, कर्मा यादव, इन्द्रजीत चौहान, विकास गौतम, विकास, योगेन्द्र, त्रिलोक
चन्द सहित अन्य मेल-फीमेल वालंटियर्स व गणमान्य महानुभाव आदि मौजूद रहे l
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