Wednesday, April 29, 2020

भूख से परेशान परिवार ने समाजहित एक्सप्रेस से लगाई मदद की गुहार


दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रजनी सिंह गाड़ेगांवलिया) l कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 24 मार्च की रात 12 बजे से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की है। इस दौरान गरीब परिवारों के लिए भोजन एक बड़ी समस्या बन गई है। दरअसल गुजरात के मेघाणी नगर क्षेत्र में एक परिवार ने भूख-प्यास से परेशान होकर व्हाट्सअप के माध्यम से समाजहित एक्सप्रेस के संपादक से मदद की गुहार लगाई।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरा देश 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए तमाम राज्यों की पुलिस पूरी सख्ती बरत रहे हैं। लेकिन रोज़ कमाने खाने वालों के लिए अगले 21 दिनों तक घर पर बैठकर खाना आसान काम नहीं है l भारत में लाखों दिहाड़ी मजदूर ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं l कर्फ्यू के बीच घरों में उपलब्ध आटा, दाल, तेल या अन्य खाद्य सामग्री खत्म हो गई है l  बंद के कारण कुछ भी नहीं मिल रहा है ।
शुक्रवार को गुजरात के मेघाणी नगर क्षेत्र में एक परिवार ने भूख-प्यास से परेशान होकर व्हाट्सअप के माध्यम से दिल्ली में समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगाँवलिया से मदद की गुहार लगाई । समाजहित एक्सप्रेस के संपादक, दिल्ली सिविल डिफेन्स में डिवीज़नल वार्डन के पद पर भी कार्यरत है, उन्होंने राजस्थान के जयपुर में सिविल डिफेन्स के अपने मित्र नवरत्न गुसाईवाल से सम्पर्क कर अहमदाबाद स्थित उस पीड़ित परिवार की मदद के लिए कहा l
उसी समय सिविल डिफेन्स के नवरत्न गुसाईवाल ने अपनी परिचित एन.जी.ओ. श्री अम्बिका शिव शक्ति मित्र मंडल (रजि० न० F 17690) के संयोजक दशरथ भट्ट रैगर से संपर्क कर पीड़ित परिवार की मदद करने का आग्रह किया, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए संयोजक दशरथ भट्ट रैगर ने पीड़ित परिवार से फोन पर सम्पर्क स्थापित कर अपनी गाड़ी से आटा,चावल, दाल व जरूरत का राशन उसके घर पर पहुंचवाया । गुजरात के मेघाणी नगर क्षेत्र में समाजहित एक्सप्रेस के संपादक की पहल पर श्री अम्बिका शिव शक्ति मित्र मंडल NGO के संयोजक दशरथ भट्ट रैगर द्वारा भूख से परेशान एक परिवार के पति-पत्नी और दो बच्चो को महज डेड घंटे के अन्दर राशन की मदद कर इस आपदा में मानवता की मिसाल पेश की ।
सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जनजागरूकता के साथ-साथ खाद्य सामग्री के वितरण के अलावा पुलिस और प्रशासन के साथ प्रत्येक कदम पर सहयोग कर रहे हैं। मौजूदा हालात में कोरोना को हराने का एकमात्र हथियार सतर्कता और 'क्वारंटाइन' है। ऐसी ही आपात परिस्थितियों से लडऩे के लिए नागरिक सुरक्षा संगठन की सक्रियता नजर आ रही है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी सिविल डिफेंस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है l

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