Friday, January 31, 2020

डाबिच ग्राम पंचायत के सरपंच रामगोपाल सैनी को “रैगर जाति की संस्कृति कला एवं रीति रिवाज” पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया गया



दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  युवासमाज का वह हिस्सा है, जिसके द्वारा किसी देश व समाज का भविष्य निर्मित होता है। उसकी उम्र के साथ-साथ उसकी आँखों में बड़े-बड़े सपनों की संख्या भी बढ़ती जाती है। इन्हीं सपनों की पूर्ति हेतु उसे जीवन में कई बार बड़े-बड़े जोखिम भी उठाने पड़ते हैं । ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जयपुर जिले की फागी तहसील के अंतर्गत डाबिच ग्राम पंचायत की ढाणी रैगरान के रैगर युवाओ ने अम्बेडकर युवा मंडल का गठन कर पंचायत प्रशासन के समक्ष अम्बेडकर पार्क की मांग की जिस पर अमल करते हुए सरपंच रामगोपाल सैनी द्वारा अम्बेडकर पार्क की जमीन स्वीकृत कर दी और पार्क की नीव डलवा दी है, जो समाजहित में सराहनीय कार्य है l

रविवार 26 जनवरी 2020 को निर्माणाधीन अम्बेडकर पार्क स्थल पर अम्बेडकर युवा मंडल के अध्यक्ष रामजीलाल सहित मंडल के अन्य गणमान्य पदाधिकारीगण व सदस्यों द्वारा जयपुर जिले की फागी तहसील के अंतर्गत डाबिच ग्राम पंचायत की ढाणी रैगरान में पंचायत प्रशासन के सरपंच रामगोपाल सैनी का समाजसेवी नवरत्न गुसाईंवाल, समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया व दिल्ली प्रांत के खजान सिंह रैगर से परिचय करवाया गया l

सरपंच रामगोपाल सैनी की अम्बेडकर पार्क बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की प्रशंसा व आभार व्यक्त करते हुए समाजसेवी नवरत्न गुसाईंवाल ने सरपंच रामगोपाल सैनी को रैगर समाज के वरिष्ठ लेखक व साहित्यकार डा० पी.एन. रछौया (सेवानिवृत, भारतीय पुलिस सेवा) द्वारा लिखित रैगर जाति की संस्कृति कला एवं रीति रिवाजनामक पुस्तक भेटकर सम्मानित किया l

इस सुनहरे मौके पर पुस्तक के वितरक नवरत्न गुसाईंवाल ने बताया कि भविष्य को बेहतर गढ़ने के लिये समाज के अतीत को समझना अनिवार्य होता है । देश की आजादी के लिए अनेकों रैगर जेल गए हैं तथा कठोर यातनाएं सही हैं । इस जाति में प्रबुद्ध संत-महात्‍मा तथा समाज सुधारक हुए हैं । रैगर जाति की आदर्श रीति-रिवाज व परम्‍पराएं रही हैं । वर्तमान और भावी पीढ़ी को इन सब बातों की जानकारी देना नितान्‍त आवश्‍यक है ।

सरपंच रामगोपाल सैनी ने ग्राम विकास की गतिविधियों पर चर्चा के दौरान समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया को बताया कि डाबिच गांव भी पहले अन्य गांवों की भांति सामान्य गांव था । इस गांव में भी दूसरे गांवों की तरह अनेक प्रकार की समस्याएं थी । जब मैंने सरपंच का कार्यभार संभाला तो गांव की तस्वीर बदलने की कोशिशे शुरू की । जिसका कारण है, डाबिच गाव में ग्राम पंचायत के माध्यम से विकास की धारा बहती है l आज स्थिति है कि गाव में नल-जल योजना, सड़क और बिजली के साथ साथ इंटरनेट सेवा भी गांव में मिल रही है l आज ढाणी रैगरान अपनी एक अलग पहचान बना चुका है ।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर अम्बेडकर युवा मंडल के अध्यक्ष रामजीलाल ने समाजहित एक्सप्रेस के संपादक रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया को बताया कि डाबिच गाँव जिस तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, उसके पीछे गाव के सरपंच रामगोपाल सैनी का विजन काम कर रहा है । सरपंच की सोच गाव को आदर्श बनाने की है जिसके लिए वे गाववासियों को निरंतर प्रेरित करते हुए उनका सहयोग ले रहे हैं । ढाणी रैगरान के लोग भी खुले मन से स्वीकारते हैं कि गाव के सुधरते हालात के पीछे सरपंच की मेहनत है । ग्राम पंचायत में सरपंच रामगोपाल सैनी द्वारा किये जा रहे कार्यों को न सिर्फ़ ढाणी रैगरान के लोग, बल्कि आस-पास के गांवों के लोग भी सराहते हैं ।


Thursday, January 30, 2020

सरपंच और ग्राम पंचायत की जिम्मेवारी


सरपंच गाँव का मुखिया होता है उसे गाँव के मुखिया के रूप में गाँव की भलाई के लिए फैसले लेने होते है और ग्राम पंचायत के लिए जो कार्य नीचे लिखे गए है उनमें सरपंच की अहम भूमिका होती है l इन सभी कार्यों को करने के लिए सरपंच के पास पावर होती है, इन कार्यों को करने की उसकी जिम्मेवारी होती है और उसका दायित्व होता है की वह गाँव की भलाई के लिए हर वह सामाजिक कार्य करे जिससे जन जन का भला होता हो l उसे सभी के सुख दुःख में शामिल होना चाहिए व एक सच्चे सेवक की भांति कार्य करना चाहिए l गाँव का सरपंच ईमानदार हो, पढ़ा लिखा हो और गाँव की भलाई चाहने वाला हो, तभी वह गाँव और देश का भला कर सकता है l

किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। हर गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है। जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए।

 भारत में मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की निम्नलिखित जिम्मेवारी होती है :-
1. घरेलु उपयोग के लिए पानी का इंतजाम करना
2. गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना व पोखड़ यानी जोहड़ का रख रखाब करना
3. पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेरी की व्यवस्था करना! साथ में दुधारू पशुओं के लिए उनके अच्छे खाद्य पदार्थों का इंतजाम करना व पशुओं को बीमारी से बचाव के उपाय करना व फैलने वाली बीमारी से बचाना
4. गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना व पानी के ड्रेनेज की व्यवस्था करना
5. सिचाई के साधन की व्यवस्था करने में ग्रामीणों की मदद करना
6. गाँव में स्वच्छता बनाये रखना व ग्रामीणों की सेहत और स्वास्थ्य के लिए जरुरी इंतजाम करना
7. गाँव में पब्लिक बिल्डिंग्स, घास वाली जमीन, जंगल, पंचायती जमीन, गाँव के कुओं, गाँव के टैंक और पथवेज़ को बनाना, उनको रिपेयर करना और उनका रख रखाव करना
8. गाँव के पब्लिक प्लेसेस जैसे की विलेज चौपाल, गली व सामाजिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना
9. गाँव में मेले, दंगल, कबड्डी, बाजार और पब्लिक मार्किट में व्यवस्था बनाये रखना और जहाँ जरुरी ही पार्किंग और स्टैंड की व्यवस्था करना
10. दाह संस्कार (Cremation) व कब्रिस्तान (Cemetery) का रख रखाव करना
11. एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लेना व ग्रामीणों को कृषि से सम्बंधित डेवलपमेंट्स के बारे में बताना और कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों को इस्तेमाल करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना
12. गाँव में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना व देसी विदेशी का फर्क बताकर ग्रामीणों को देसी वस्तुओं का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना
13. गाँव में पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना करना, प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना और जरुरी हो तो ऊँचे लेवल के स्कूल की स्थापना के लिए जरुरी कार्यवाही करना
14. बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना! साथ में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना
15.स्वछता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में पब्लिक टॉयलेट और लैट्रिन बनाना व उनका रख रखाव करना! साथ में घरेलु लैट्रिन बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना
16. ग्रामीण रोड्स व पब्लिक प्लेसेस पर पर पेड़ लगाना व उनका रख रखाव करना! ग्रामीणों में वृक्षारोपण की भावना को बढ़ावा देना
17. गाँव के टैक्सेज जैसे की चूल्हे टैक्स वगेरा की कलेक्शन करना
18. गर्ल चिल्ड्रन को बचाने व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना
19. ग्रामीणों को दुर्व्यशन जैसे की शराब की बुरी लत, ड्रग्स का इस्तेमाल करने आदि से दूर रहने की सलाह देना और जरुरी हो तो इन सब बातों को बढ़ावा देने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करना
20. गाँव में फारेस्ट स्कीम इंट्रोडूस करना व गाँव में आमदनी वाले पेड़ पोधे लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना
21. चौकीदार के साथ मिलकर जनम मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना और एडमिनिस्ट्रेशन को इन्फॉर्म व अपडेट करना
22. गरीब बच्चों के लिए फ्री एजुकेशन और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करना
23. जवान बच्चों के लिए हायर एजुकेशन व जॉब ओरिएंटेड प्रोग्राम की व्यवस्था व उनको अपडेट करना
24. गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना
25. गाँव की भलाई के लिए सरकार से ग्रांट और गरीबों के मदद के रास्ते तलाशना
26. गाँव में किसी भी अनहोनी की सूरत में मिल बैठकर सबके दुःख को बाटना व समस्या का समाधान करना
28. आगनवाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना
29. गरीबों के लिए प्लाट काटना व ग्राम पंचायत की जमीन को पटटे पर देना
30. सरकार के डिजिटल हरयाणा और डिजिटल इंडिया मिशन में सहयोग करे, लोगों को जागरूक करे व सबका साथ सबका विकाश करते हुए गाँव और देश को आगे ले जाने में मदद करे
31. मनोरंजन, सोशल वेलफेयर स्कीम, बचत भावना, इन्शुरन्स, कृषि ऋण, मुआवजा, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड, पासपोर्ट, पब्लिक/ गवर्नमेंट स्कीम, स्वछता अभियान, कन्या बीमा योजना आदि के बारे में जानकारी रखना, उनके जरुरी फॉर्म रखना व इन सभी कार्यों के लिए जितना जरुरी हो मदद करना 

ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य 

1. नियोजन एवं विकास समिति सदस्य : सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है। 
समिति के कार्य: ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना। 
2. निर्माण कार्य समिति सदस्य: सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह) 
समिति के कार्य: समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना। 
3. शिक्षा समिति सदस्य: सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना। 
समिति के कार्य: प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना। 
4. प्रशासनिक समिति सदस्य: सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह) 
समिति के कार्य: कमियों-खामियों को देखना। 
5. स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति सदस्य : सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) समिति के कार्य: चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण। 
6. जल प्रबंधन समिति सदस्य: सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित 
समिति के कार्य : राजकीय नलकूपों का संचालन पेयजल सम्बंधी कार्य देखना। 
ग्राम पंचायत के कार्य 
कृषि संबंधी कार्य 
ग्राम्य विकास संबंधी कार्य 
प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय व अनौपचारिक शिक्षा के कार्य 
युवा कल्याण सम्बंधी कार्य 
राजकीय नलकूपों की मरम्मत व रखरखाव 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बंधी कार्य 
महिला एवं बाल विकास सम्बंधी कार्य 
पशुधन विकास सम्बंधी कार्य 
समस्त प्रकार की पेंशन को स्वीकृत करने व वितरण का कार्य समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों को स्वीकृति करने व वितरण का कार्य 
राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण 
पंचायती राज सम्बंधी ग्राम्यस्तरीय कार्य आदि।

https://www.zoomnews.in/en/news-detail/dabich-gram-panchayat-sarpanch-election-result-2020.html

Wednesday, January 29, 2020

पेंटर/चित्रकार रमेश कुमार रसगनिया द्वारा बावलिया बाबा की पैतृक हवेली का सौंदर्यीकरण हेतु चित्रकारी



दिल्ली समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र के बुगाला गाँव में स्थित पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा की पैतृक हवेली को म्युजियम बनाने का निर्माण कार्य पूर्ण हो चूका है, निर्माण कार्य के बाद अब इन दिनों हवेली में सौंदर्यीकरण हेतु चित्रकारी का कार्य मुम्बई के विशेषज्ञों की देखरेख में गुढ़ागौड़ जी के प्रतिभावान पेंटर/चित्रकार रमेश कुमार रसगनिया द्वारा किया जा रहा है l
भारतीय उपमहाद्वीप में हवेली शहर के पारंपरिक भवन को कहते है जो वास्तुशिल्प और एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है l भारतीय शैली में बने छज्जे अग्र भाग की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते है, पत्थर पर लयदार जाली का आभास कराती पतली नक्काशी पहले मध्य एशिया की कलाकृति की देन थी मगर आज के दिन में ये भारतीय वास्तुकला का हिस्सा बन गई है l शेखावटी की हवेलियां भित्ति चित्रकारी के लिए दुनियाभर में मशहूर है ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुगाला गाँव में स्थित पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा की पैतृक हवेली के अन्दर और बाहर दोनों तरफ नवलगढ़ की हवेलियों की तर्ज पर चित्रकारी की जायेगी l पेंटर/चित्रकार रमेश कुमार रसगनिया ने बताया कि इस हवेली की चित्रकारी में लगभग 06 महीने का समय लगेगा l इस हवेली की खिड़कियों और दरवाजो पर तन-मन व दिलोदिमाग से पेंटर/चित्रकार द्वारा काफी खूबसूरत चित्रकारी की जा रही है l जिसे देखने के लिए हवेली में रोजाना लोगो की भीड़ उमड़ रही है l
नवलगढ़, झंझुनूं, फतेहपुर, मंडेला, रामगढ़, महनसर, चिड़ावा, चूरू, पिलानी, मुकुंदगढ़, डूंडलोद और सीकर की हवेलियां तकरीबन 150 वर्ष की उम्र पार कर चुकी हैं l सभी हवेलियां आज प्रदेश की विरासत का हिस्सा बन चुकी हैं, जो विदेशी पर्यटकों को लुभा रही हैं l इन सभी पुरानी हवेलियां की दीवारों, मेहराबों, खंभों पर बने भित्ति-चित्रों की खूबसूरती हर किसी का मन् मोह लेती है l इन्हें दीवार पर चूने का प्लास्टर करते वक्त बनाया जाता था l पत्थर की पिसाई कर उन्हें पेड़-पौधों की पत्तियों और प्राकृतिक रंगों के साथ गीले प्लास्टर में मिलाकर तालमेल से पेंटिंग हवेली की दीवारों पर उकेरा जाता था l गीले प्लास्टर में ये रंग पूरी तरह समा जाते थे l इस तरह के रंग फैलने की बजाए अंदर तक जड़ पकड़ कर लेते थे l इन पेंटिंग्स को ही नहीं, बल्कि रंगों को तैयार करने में भी चित्रकार जी-जान लगा दिया करते थे । तभी तो 200 वर्ष पुरानी ये पेंटिंग आज भी नयनाभिराम हैं l
ये हवेलियां सचमुच अनूठी और बेशकीमती हैं l इनकी देखभाल बहुत जरूरी है वरना देखने को यहां कुछ भी नहीं बचेगा l व्यापारियों के पलायन के बाद ये हवेलिया सुनसान हो गई और धीरे धीरे इनका पतन शुरू गया l कुछेक हवेलियों के मालिक तो किसी मांगलिक अवसर पर अपने कुलदेवता की पूजा-अर्चना करने के लिए हवेलियों में लौटते हैं, बाकी समय ये हवेलियां लगभग वीरान रहती हैं । हालांकि कुछ मालिकों ने तो चौकीदार के भरोसे इन्हें पयर्टकों के लिए जरूर खोल दिया है l कई मालिक तो इनकी खैर-खबर भी नहीं ले रहे हैं l

Tuesday, January 28, 2020

गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन ने समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिये समाजसेवी विक्रम जटिया को सम्मानित किया



समाज सेवा से बड़ा कोई धर्म नही--जटिया

दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) जोधपुर । 71 वे गणतंत्र दिवस के मौके पर जिला प्रशासन जोधपुर की और उम्मेद स्टेडियम में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित भव्य समारोह में जोधपुर के भदवासिया निवासी दलित चिन्तक दलित एक्टिविस्ट एव समाजसेवी विक्रम जटिया को सामाजिक क्षेत्र, दलित उत्थान ,शराबबंदी आंदोलन ,रक्तदान ,पौधरोपण एव समाजहित में किये गए अतुल्य उत्कृष्ट कार्य के लिये मुख्य अतिथी सम्भागीय आयुक्त बी एल कोठारी नेएव जिला मजिस्ट्रेट एव जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने सम्मानित किया।गौरलतब रहे कि विक्रम जटिया विद्यार्थी जीवन से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते हुए समाजहित में उत्कृष्ट कार्य कर रहे है । देश प्रदेश एव शहर के युवाओ में यूथ आइकॉन के रूप में जाने जाते है । 

●जटिया के सफल नेतृत्व में आंदोलन पर एक नजर-
 जटिया ने पूर्व वसुंधरा सरकार 2016 में दलित समाज के महान संत रविदास जी महाराज के नाम से बसी भदवासिया स्तिथ सन्त रविदास नगर के आसपास लगी आबकारी दुकानों को 21 दिन तक आंदोलन कर चार दुकानों को हटवाया वही 2017 में नागौरी गेट स्तिथ बाबासाहब डॉ बी आर अम्बेडकर स्मारक के समीप लगी आबकारी दुकान 15 दिन जनआंदोलन करके राजे सरकार एव आबकारी प्रशासन को मजबूर किया और दारू के ठेके हटवाए ।भदवासिया ओवरब्रिज का नामकरण भारत रत्न डॉ बी आर अम्बेडकर के नाम करवाने के लिए भारत रत्न डॉ बी आर अम्बेडकर भदवासिया ओवरब्रिज नामकरण संघर्ष समिति जोधपुर का गठन कर सफल आंदोलन चलाया और भदवासिया ब्रिज का नामकरण भारत रत्न डॉ अम्बेडकर के नाम करवाया । 
●जटिया का सामाजिक सरोकार में सराहनीय योगदान 
सामाजिक आंदोलन एव दलित आंदोलन को गति देने एव  कही आंदोलन में मुख्य भूमिका में रहकर जटिया दलित शोषित वंचित पिछडो गरीब निःशक्त जन एव  मजलूमों के हक न्याय की लड़ाई लड़ते है  साथ ही रक्तदान के क्षेत्र में भी बढ़ चढ़ कर कार्य करते है  स्वयं अब तक 34 बार रक्तदान कर चुके और युवाओं को भी प्रेरित करते है अब तक पांच सफल रक्तदान शिविर ,मेहनत मजदूर गरीब वर्ग को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करवा कर उन्हें सम्बल प्रदान करते है ।वर्द्धजनो को गरीब परिवार जनों को पेंशन योजना चालू करवाकर सहयोग करते है ।
●जटिया ने डॉ आंबेडकर अवार्ड से प्रतिभाओ को सम्मानित किया 
 जटिया अपने स्तर पर देश प्रदेश एव शहर की प्रतिभाओं को डॉ अम्बेडकर अवार्ड समारोह के माध्य्म से अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओ और भामाशाह को मंच प्रदान कर सम्मानित करते है ।  जोधपुर मे अब तक 4 राज्य सम्मेलन सूचना केन्द्र के मिनी ऑडिटोरियम में  आयोजित करवा चुके है। 
जटिया का कही मंचो पर हुआ है बहुमान-
दलित एक्टिविस्ट विक्रम जटिया द्वारा समाजसेवा के क्षेत्र में अतुल्य कार्य को देखते हुए कहि अंतराष्ट्रीय ,रास्ट्रीय एव प्रादेशिक संस्थाओं द्वारा देश एव प्रदेश के कहि मंचो पर पूर्व में भी मान सम्मान हुआ है ।जिससे मुख्य रूप से डॉ आंबेडकर रास्ट्रीय सम्मान नई दिल्ली ,शहीद गुरुशरण छाबड़ा रास्ट्रीय पुरस्कार जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा डॉ आंबेडकर युवा सम्मान,यूथ माइंड यूथ लीडर स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय अवार्ड,बाबा रामदेव पुरस्कार ,सामाजिक न्याय अधिकारिकरिता विभाग ,नगर निगम जोधपुर ,विकलांग शिक्षण सेवा संस्थान द्वारा दिव्यांग सेवा श्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है ।
●विभिन्न पदों पर विक्रम जटिया सेवाए दे रहे 
 जटिया सरदारपुरा विधानसभा यूथ कांग्रेस कमेठी जोधपुर के मीडिया प्रभारी एव सचिव ,जोधपुर शहर कांग्रेस कमेठी (अनु.वि.)के जिला प्रवक्ता ,राष्ट्रीय दलित महासंघ इंडिया के राष्ट्रीय सयोंजक,,आरक्षित वर्ग संघर्ष समिति जेएनवीयू जोधपुर के प्रवक्ता ,जय भीम सेवा दल ,जोधपुर ,सन्त रविदास जन्मोत्सव समिति जोधपुर ,बिरसा अम्बेडकर फुले साहित्य अकादमी के अध्य्क्ष एव  फुले अम्बेडकर टाइम्स के सम्पादक पद पर अपनी सेवाएं दे रहे है ।समाजसेवी विक्रम जटिया को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित होने पर कही गणमान्य लोगों ने बधाइयां प्रेषित कर शुभकामनाएं दी।इस मौके पर दलित चिन्तक विक्रम जटिया ने कहा कि कोई भी धर्म समाज सेवा से बड़ा नही हो सकता,निःस्वार्थ सेवा करना ही मेरे जीवन का एक मात्र उद्देश्य है । 

श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर के तत्वाधान में नांगलोई में दूसरी विशाल भजन संध्या सम्पन्न



दिल्ली, समाजहित एक्सप्रेस (रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया) l  गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर के तत्वाधान में शनिवार 25 जनवरी 2020 (माघ सुदी एकम) को जन-जन के आराध्यदेव और सामाजिक समरसता के प्रतीक बाबा रामदेव जी महाराज की संगीतमय विशाल दूसरी भजन संध्या का आयोजन सी-ब्लाक,नांगलोई लोकेश सिनेमा, नई दिल्ली-110041 पर बड़ी धूमधाम से किया गया l जिसमे प्रसिद्द भजनगायको ने अपनी मधुरवाणी से मंत्रमुग्ध कर देने वाले एक से बढक़र एक भजन सुनाकर श्रद्धालु व श्रोताओं को भावविभोर कर नाचने पर मजबूर कर दिया ।

बाबा रामदेव जी महाराज की संगीतमय दूसरी विशाल भजन संध्या का शुभारंभ आयोजक श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर टीम के सदस्यों द्वारा ज्योत प्रज्वलन करने के पश्चात गणेश वंदना गाकर किया गया । फिर भक्ति गीतों का क्रम प्रारंभ हुआ, इसका सिलसिला देर रात तक चलता रहा । श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर के गायक संजय सिंगाडिया की टीम ने अपनी मधुर वाणी की प्रस्तुति के जरिए खूब जलवा बिखेरा । दिल्ली की प्रसिद्द भजन गायिका राजबाला ने अपने कई बाबा के भजनों से पूरा समां बांध दिया । राजस्थान के रायसिंह नगर के प्रसिद्द भजन गायक नितेश नादान ने भजनों की प्रस्तुति के माध्यम से माहौल को भक्तिमय बना दिया l इस प्रकार तमाम भक्ति भजन पेश किए गए, जिसे सुन श्रोता भाव विभोर हो उठे और बाबा की भक्ति के सागर में गोते लगाते नजर आए ।

 कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर टीम के पदाधिकारियों द्वारा फूलो की माला से भव्य स्वागत कर बाबा का पटका पहनाया गया l सभी भक्तों ने यहां आकर बाबा के दर्शनो का पुण्य लाभ लिया और जीवन में विपदाओं से दूर रहने के लिए बाबा के दरबार में मत्था टेका और सुख शांति के लिए प्रार्थना की । सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने देर रात तक भजनों पर झूमते गाते जयकारे लगाए। दुसरे दिन गणतंत्र दिवस पर बाबा के भंडारे में प्रसादी ग्रहण करने को लेकर क्षेत्रीय लोगो का जन समूह उमड़ा ।

श्री बाबा रामदेव भक्ति सागर टीम के सदस्य राकेश मौर्या, संजय सिंगाडिया, बुद्धराम सौन्करिया, रोशन परेवा,रमेश रछौया, जीतू गुसाईवाल, धर्मपाल आलोरिया, प्रमोद मुण्डोतिया, पारस सौन्करिया,प्रेमचंद मौर्या, अनिल बालोटिया, शेखर सक्करवाल, दलीप चान्दोलिया, बल्लू सक्करवाल, चेतन, विनोद, भूपेन्द्र, साहुल, राहुल इत्यादि l


भजन संध्या में मुख्य सहयोगी लाजपत जलुथरिया, हेमंत कुरडिया, नंदकिशोर कान्खेडिया, जितेन्द्र अटोलिया, डालचंद मुण्डोतिया, जगदीश भुरंडा, नानक चन्द कुरडिया, राहुल राम, अनिल अटल, विष्णु किराड़, सन्नी जाटोलिया, Crush footwear रवि ट्विंकल,मनोज केवल सिंगाडिया, रमेश कनवाडिया, जयप्रकाश सोनकर,  नांगलोई एसोसिएशन चप्पल मार्किट, हंसराज भगत, हेमंत, हनुमान खोरवाल, अतुल इलेक्ट्रॉनिक्स, विजय शर्मा, कुलदीप मौर्या, हरिराम सांकला व अन्य समस्त सहयोगी गण l

बौद्ध धर्म पर सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

प्र.1- विश्व का सबसे वैज्ञानिक  धर्म कौनसा है?
उ.- बौद्ध धर्म
प्र.2- बौद्ध धर्म की शुरुआत किसने की  ?
उ.- तथागत बुद्ध ने
प्र.3- तथागत बुद्ध के माता-पिता का नाम क्या था  ?
उ.- महामाया और शुद्धोधन
प्र.4- तथागत बुद्ध के बचपन का नाम क्या था  ?
उ.- सिद्धार्थ
प्र.5. सिद्धार्थ किस राज्य के राजकुमार थे  ?
उ.- कपिलवस्तु
प्र.6. सिद्धार्थ किस वंश से संबंधित थे  ?
उ.- शाक्य वंश
प्र.7- तथागत बुद्ध का जन्म कब हुआ था  ?
उ.- 563 ई.पू.
प्र.8- राजकुमार सिद्धार्थ का विवाह किससे हुआ  ?
उ.-यशोधरा से
प्र.9- सिद्धार्थ-यशोधरा के पुत्र का नाम क्या था?
उ.- राहुल
प्र.10- सिद्धार्थ द्वारा गृहत्याग का मूल कारण क्या था  ?
उ.- शाक्य-कोलिय(निषाद) वंश के बीच युद्ध को टालना
प्र.11- सिद्धार्थ द्वारा गृह त्याग के समय आयु कितनी थी  ?
उ.- 29 वर्ष
प्र.12. सिद्धार्थ को राज्य सीमा से बाहर छोड़कर आने वाला नौकर का नाम क्या था  ?
उ.- छन्न
प्र.13. गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ ने क्या निश्चय किया  ?
उ.- ज्ञान प्राप्ति का
प्र.14- सिद्धार्थ ने ब्राह्मण सन्यासियों का साथ क्यों छोड़ दिया  ?
उ.- क्योंकि उनका ज्ञान अपूर्ण काल्पनिक था
प्र.-15- सिद्धार्थ द्वार शरीर को अत्यधिक कष्ट का क्या परिणाम निकला  ?
उ.- शरीर बेहद कमजोर हो गया
प्र.16- पाँच सन्यासियों के नाम, जो सिद्धार्थ से नाराज होकर चले गये  ?
उ.- कौंडनय, भदिय, वज्ज, अस्सजि, महानाम
प्र.17- जीर्ण शरीर लिए सिद्धार्थ को भोजन किसने खिलाया  ?
उ.- सुजाता ने
प्र.18- अंत में सिद्धार्थ को कहाँ ज्ञान प्राप्त हुआ  ?
उ.- बोधि वृक्ष के नीचे
प्र.19. ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ क्या कहलाये  ?
उ.- बुद्ध
प्र.20- बुद्ध का अर्थ क्या है  ?
उ.-राग,द्वेष,मोह से ऊपर उठा पूर्ण ज्ञानी पुरूष
प्र.21. बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का उद्देश्य क्या था ?
उ.- मनुष्य के दु:ख व अंधविश्वास दूर करना
प्र.22. बुद्ध ने प्रथम उपदेश किसे दिया  ?
उ.- पाँच नाराज सन्यासियों को
प्र.23- त्रिशरण क्या है?
उ.- मैं बुद्ध की शरण में जाता हूँ, मैं धम्म की शरण में जाता हूँ, मैं संघ की शरण में जाता हूँ।
प्र.24. पंचशील क्या है?
उ.-प्राणी हिंसा न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, निंदा न करना, शराब व मादक पदार्थों का सेवन न करना।
प्र.25. आष्टांगिक मार्ग क्या है  ?
उ.-सम्यक दृष्टि,सम्यक संकल्प,सम्यक वाणी,सम्यक कर्मान्त,सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम,सम्यक स्मृति,सम्यक समाधि
प्र.26- मगध के किस सम्राट ने बुद्ध के धम्म को स्वीकार किया  ?
उ.- बिम्बिसार
प्र.27- भिक्षुणी संघ की प्रथम सदस्या कौन थी  ?
उ.- महाप्रजापति गौतमी
प्र.-28- बुद्ध ने किस वर्ण के लोगों को दीक्षा दी  ?
उ.-बिना किसी भेदभाव के सभी को
प्र.29. संघदान हेतु प्रसिद्ध व्यक्ति कौन था  ?
उ.- अनाथपिण्डक
प्र.30- पारलौकिक तत्वों पर बुद्ध के क्या विचार थे?
उ.- आत्मा-परमात्मा,स्वर्ग-नरक को नहीं माना
प्र.31- बुद्ध का महापरिनिर्वाण किस आयु में हुआ  ?
उ.-80 वर्ष
प्र.32- महापरिनिर्वाण किस स्थान पर हुआ?
उ.- कुशीनगर
प्र.33- बौद्ध धर्म का सर्वाधिक प्रसार किस सम्राट के काल में हुआ?
उ.- अशोक महान के काल में
प्र.34- कलिंग युद्ध के बाद किसने अशोक को तलवार फेंकने पर मजबूर कर दिया  ?
उ.- बौद्ध भिक्खु उपगुप्त ने
प्र.35- अशोक ने अपने पुत्र-पुत्री को किस देश में धम्म प्रचार हेतु भेजा  ?
उ.- श्रीलंका
प्र.36- भारत विश्व गुरु कब कहलाता था?
उ.- मौर्यकाल में
प्र.37. विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षक कौन थे  ?
उ.- बौद्ध भिक्खु
प्र.38. 'अत्त दीपो भव:' का अर्थ क्या है  ?
उ.- अपना दीपक स्वयं बनो
प्र.39- विश्व का सर्वश्रेष्ठ धम्म ग्रंथ कौन सा है  ?
उ.- बुद्ध और उनका धम्म
प्र.40- त्रिपिटक क्या है  ?
उ.- सुत्तपिटक, धम्मपिटक, विनयपिटक
प्र.41- वेदों को मरुभूमि समान बंजर किसने कहा?
उ.- तथागत गौतम बुद्ध ने
प्र.42- सर्वाधिक प्राचीन मूर्तियाँ किसकी मिली है?
उ.- बुद्ध की
प्र.43- सर्वाधिक प्राचीन अवशेष किस धर्म से संबंधित है?
उ.- बौद्ध धर्म से
प्र.44- बुद्ध के उपदेश की भाषा कौन सी थी?
उ.- पाली
प्र.45- विश्व के कितने देशों में बौद्ध धर्म है?
उ.- लगभग 56 देशों में
प्र.46- सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में बौद्धों का प्रतिशत है?
उ - 0.07%
प्र.47- हाल ही में विश्व धर्म संसद द्वारा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धर्म किसे चुना गया?
उ.- बौद्ध धर्म को
प्र.48- बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांत क्या है  ?
उ.- सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता
प्र.49- श्रीलंका के किस क्रिकेट खिलाड़ी ने बौद्ध धर्म अपनाया?
उ.- सनथ जयसूर्या
प्र.50- हिंदू राष्ट्र होने के बावजूद भी किस देश में बौद्धों की जनसंख्या तेजी से बढ रही है?
उ.- नेपाल में
प्र.51- राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले का जन्म दिवस कब मनाया जाता है  ?
उ.- 11 अप्रैल को
प्र.52- जोतिबा फुले को ब्राह्मण मित्र की बारात से अपमानित हो क्यों लौटना पड़ा?
उ.- शूद्र (माली) होने के कारण
प्र.53- ज्योतिबा फुले ने शूद्रों के पिछड़ेपन का मूल कारण किसे माना?
उ.- अशिक्षा को
प्र.54- ज्योतिबा फुले की पत्नी का क्या नाम था  ?
उ.- सावित्री बाई फुले
प्र.55- गुलामगिरी पुस्तक के लेखक कौन है  ?
उ.- ज्योतिबा फुले
प्र.56- सावित्री बाई फुले का जन्मदिवस कब मनाया जाता है  ?
उ.- 3 फरवरी को
प्र.57- ज्योतिबा फुले ने महाराष्ट्र में शूद्र और महिलाओं हेतु कितने विद्यालय खोले  ?
उ.- 18
प्र.58- देश की प्रथम महिला शिक्षिका कौन थी?
उ.- सावित्री बाई फुले
प्र.59- सावित्री बाई पर ब्राह्मण कीचड़ क्यों फेंकते थे?
उ.- क्योंकि वे लड़कियों को पढाने को पाप मानते थे
प्र.60- सत्य शोधक समाज की स्थापना किसने की  ?
उ.- ज्योतिबा फुले ने
प्र.61- भीमा कोरेगाँव युद्ध कब हुआ  ?
उ.- 1 जनवरी, 1818 को
प्र.62- भीमा कोरेगाँव युद्ध किन-किन के मध्य हुआ?
उ.- पेशवा(ब्राह्मण) और महार बटालियन के मध्य
प्र.63- भीमा कोरेगाँव युद्ध में विजयी कौन हुआ?
उ.महार बटालियन
प्र.64- पेशवा के 25000 सैनिकों के मुकाबले कितने महार सैनिक लड़े?
उ.-500
 प्रश्न 65- डॉ अाम्बेडकर का जन्म कब हुआ था  ?
उत्तर- 14 अप्रैल 1891
प्रश्न 66- डॉ अम्बेडकर का जन्म कहां हुआ था  ?
उत्तर- मध्य प्रदेश में  इंदौर की महू छावनी में
प्रश्न 67- डॉ.अाम्बेडकर के पिता का नाम क्या था  ?
उत्तर- रामजी  सकपाल
प्रश्न 68- डॉ. आम्बेडकर की माता का नाम क्या था  ?
उत्तर- भीमा बाई
प्रश्न69- डॉ. आम्बेडकर के पिता का क्या करते थे  ?
उत्तर- सेना में सूबेदार
प्रश्न 70- डॉ. अम्बेडकर की माता का देहांत कब हुआ था  ?
उत्तर-1896
प्रश्न 71- डॉ. अम्बेडकर की माता के देहांत के वक्त उन कि आयु क्या थी  ?
उत्तर- 5 वर्ष
प्रश्न72- डॉ. अम्बेडकर किस जाति से थे  ?
उत्तर- महार जाति
प्रश्न 73- महार जाति को कैसा माना जाता था  ?
उत्तर- अछूत (निम्न वर्ग )
प्रश्न74- डॉ अम्बेडकर को स्कूल में कहां बैठाया जाता था?
उत्तर- कक्षा के बाहर
प्रश्न 75- डॉ.अम्बेडकर को स्कूल में पानी कैसे पिलाया जाता था ?
उत्तर- ऊँची जाति का व्यक्ति ऊँचाई से पानी उनके हाथों पर डालता था
प्रश्न 76- डॉ.आंबेडकर का विवाह कब और किस से हुआ  ?
उत्तर- 1906 में रमाबाई से
प्रश्न 77- डॉ.आंबेडकर ने मैट्रिक परीक्षा कब पास की  ?
उत्तर- 1907 में
प्रश्न 78- भारत में कॉलेज में प्रवेश लेने वाला पहला अस्पृश्य छात्र कौन था?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर
प्रश्न 79- महाराजा गायकवाड़  ने डॉ अंबेडकर को पढ़ने कहां भेजा?
उत्तर- कोलंबिया विश्व विद्यालय न्यूयॉर्क अमेरिका भेजा
प्रश्न 80- डॉ.आंबेडकर अमेरिका कब गये  ?
उत्तर- 1913
प्रश्न 81- बैरिस्टर के अध्ययन के लिए बाबा साहब कहां और कब गए  ?
उत्तर- 11 नवंबर 1917 को लंदन में
प्रश्न 82- बड़ौदा के महाराजा ने डॉ. आंबेडकर को अपने यहां किस पद पर रखा?
उत्तर- सैन्य सचिव पद पर
प्रश्न 83- छात्रवृति के बदले डॉ.आंबेडकर ने बड़ौदा नरेश की सेवा का अनुबंध कितने वर्ष का किया था?
उत्तर- 10 वर्ष का
प्रश्न-84 डॉ.आंबेडकर ने कितने दिन नौकरी की?
उत्तर-मात्र 11 दिन
प्रश्न 85- बाबा साहब ने सैन्य सचिव पद को क्यों छोड़ा?
उत्तर- जातीय भेदभाव से परेशान होकर
प्रश्न 86- बड़ौदा रियासत में बाबा साहब कहां ठहरे थे?
उत्तर- पारसी सराय में
प्रश्न 87- नौकरी छोड़ डॉ अंबेडकर ने क्या संकल्प लिया?
उत्तर- जब तक इस अछूत समाज की कठिनाइयों को समाप्त न कर दूं, चैन से नहीं बैठूंगा
प्रश्न 88- डॉ. अंबेडकर ने 1920 में कौन सी पत्रिका निकाली?
उत्तर- मूक नायक
प्रश्न 89- बाबासाहेब वकील कब बने?
उत्तर- 1923 में
प्रश्न 90- डॉ.अंबेडकर ने वकालत कहां शुरु की ?
उत्तर- मुंबई हाई कोर्ट से
प्रश्न 91- डॉ. अंबेडकर ने अपने अनुयायियों को क्या मुख्य संदेश दिया?
उत्तर- शिक्षित बनो,संघर्ष करो, संगठित रहो
प्रश्न 92- बाबा साहब ने बहिष्कृत भारत का प्रकाशन कब आरंभ किया?
उत्तर- 3 अप्रैल 1927
प्रश्न 93- बाबासाहेब लॉ कॉलेज के प्रोफ़ेसर कब बने ?
उत्तर- 1928 में
प्रश्न 94- बाबासाहेब मुंबई में साइमन कमीशन के सदस्य कब बने  ?
उत्तर- 1928 में
प्रश्न 95- बाबा साहेब द्वारा विधानसभा में महार वेतन बिल कब पेश हुआ ?
उत्तर- 14 मार्च 1929
प्रश्न 96- काला राम मंदिर में  अछूतों के प्रवेश के लिए आंदोलन कब किया गया?
उत्तर- 03 मार्च 1930
प्रश्न 97- मैक्डॉनाल्ड का सांप्रदायिक पंचाट कब लागू हुआ  ?
उत्तर- 1932
प्रश्न 98- पूना पैक्ट किस- किस के बीच हुआ ?
उत्तर- डॉ. आंबेडकर और महात्मा गांधी
प्रश्न 99- अछूतों को मिले अधिकारों के विरोध में गाँधी ने अनशन क्यों किया?
उत्तर- अपना वर्चस्व बनाये रखने को
प्रश्न 100- महात्मा गांधी के जीवन की भीख मांगने बाबा साहब के पास कौन आया ?
उत्तर- कस्तूरबा और कांग्रेसी नेता
प्रश्न-101- डॉ.आंबेडकर पूना पैक्ट हेतु सहमत क्यों हुए?
उत्तर- मानवता के लिए
प्रश्न 102- डॉ.अम्बेडकर को गोल मेज कॉन्फ्रंस का निमंत्रण कब मिला?
उत्तर- 6 अगस्त 1930
प्रश्न 103- पूना समझौता कब हुआ  ?
उत्तर- सितम्बर 1932
प्रश्न104- दलित प्रतिनिधि के रूप में तीनों गोलमेज सम्मेलनों में शामिल होने वाला एकमात्र नेता कौन था?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर
प्रश्न 105- "मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ, लेकिन हिंदू रहकर मरूँगा नहीं" कथन किसका है  ?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर का
प्रश्न 106- डॉ. अम्बेडकर को सरकारी लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य कब नियुक्त किया गया  ?
उत्तर- 13 अक्टूबर 1935 को
प्रश्न 107- मुझे पढे लिखे लोगोँ ने धोखा दिया, ये शब्द बाबा साहेब ने कहां कहे थे  ?
उत्तर- आगरा में 18 मार्च 1956 को
प्रश्न 108- बाबा साहेब के व्यक्तिगत सहायक कौन थे?
उत्तर- नानकचंद रत्तु
प्रश्न 109- बाबा साहेब ने अपने अनुयाइयों से क्या कहा था?
उत्तर- इस कारवां को मैं बड़ी मुश्किल से यहाँ तक लाया हूँ।
इसे आगे नहीं ले जा सकते तो पीछे मत जाने देना।
प्रश्न 110- देश के पहले कानून मंत्री कौन थे?
उत्तर- डॉ. अम्बेडकर
प्रश्न 111- स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना किस ने की?
उत्तर- डॉ. अम्बेडकर ने
प्रश्न 112- डॉ.अंबेडकर ने भारतीय संविधान कितने समय में लिखा  ?
उत्तर- 2 साल 11 महीने 18 दिन में
प्रश्न 113- डॉ. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्मं कब और कहा अपनाया?
उत्तर- 14 अक्टूबर 1956, दीक्षा भूमि, नागपुर
प्रश्न 114- डॉ. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्मं कितने लोगों के साथ अपनाया  ?
उत्तर- लगभग 14 लाख
प्रश्न 115-  राजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं,तुम्हारे वोट की जरूरत है, ये शब्द किस के है?
उत्तर- डॉ.अम्बेडकर के
प्रश्न 116- डॉ. अम्बेडकर के द्वारा लिखित बौद्धों का मानक ग्रंथ कौन सा है?
उत्तर- द बुद्धा एंड हिज धम्मा
प्रश्न 117- डॉ.आंबेडकर को भारत रत्न से कब सम्मानित किया गया  ?
उत्तर- 1990
प्रश्न 118- बाबा साहेब ने किस राजनैतिक पार्टी का गठन किया?
उत्तर- रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
प्रश्न 119- बाबा साहब ने कितनी प्रतिज्ञाएं की  ?
उत्तर- 22
प्रश्न 120- भारतीय संविधान निर्माता किसे माना जाता है  ?
उत्तर- डॉ.अंबेडकर को
प्रश्न 121- डॉ. आंबेडकर ने कौन कौन सी डिग्री हासिल की?
उत्तर- एम. ए , पीएच.डी.,(कोलम्बिया ) डी.एससी.,(लंदन) एल. एल. डी., (कोलम्बिया)
डी.लिट.(उस्मानिया ) बार. अंट. ला.(लंदन)
प्रश्न 122- डॉ.आंबेडकर ने महाड़ जल सत्याग्रह कब किया ?
उत्तर- 1927
प्रश्न 123- डॉ.आंबेडकर ने मनुस्मृति का दहन कब किया  ?
उत्तर- 25 दिसंबर, 1927
प्रश्न 124- माता रमाबाई का निधन कब हुआ ?
उत्तर- 1935 में
प्रश्न 125- "पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन" पुस्तक डॉ. आॆबेडकर ने किसे समर्पित की ?
उत्तर- माता रमाबाई को
प्रश्न 126- हिंदू कोड बिल तैयार करने का श्रेय किसे है?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर को
प्रश्न 127- डॉ.आंबेडकर ने अपना प्रथम गुरू किसे माना  ?
उत्तर- तथागत बुद्ध को
प्रश्न 128- डॉ.आंबेडकर ने दूसरा गुरु किसे माना  ?
उत्तर- कबीर को
प्रश्न 129- डॉ.आंबेडकर ने तीसरा गुरु किसे माना  ?
उत्तर- ज्योतिबा फुले को
प्रश्न 130- बाबा साहेब का महा परिनिर्वाण कब हुआ  ?
उत्तर- 6 दिसंबर 1956
प्रश्न 131- डा. अम्बेडकर ने अंतिम सांस कहा ली  ?
उत्तर- 26,अलीपुर रोड दिल्ली
प्रश्न 132- डॉ.आंबेडकर का अंतिम संस्कार किस रीति से हुआ  ?
उत्तर- बौद्ध रीति से
प्रश्न 133- डॉ.आंबेडकर के अनुयायी अभिवादन में क्या बोलते हैं?
उत्तर- जय भीम-नमो बुद्धाय
प्रश्न 134- डॉ.आंबेडकर किस उपनाम से प्रसिद्ध है  ?
उत्तर- बाबा साहब
प्रश्न 135- डॉ.आंबेडकर को ज्ञान का प्रतीक किसने कहा  ?
उत्तर- कोलंबिया यूनिवर्सिटी
प्रश्न136- "यदि डॉ.आंबेडकर हमारे देश में पैदा होते, तो हम उन्हें सूरज कहते" किसने कहा?
उत्तर- बराक ओबामा
प्रश्न 137- दक्षिण अफ्रीका का आंबेडकर किसे कहा जाता है  ?
उत्तर- नेल्सन मण्डेला
प्रश्न 138- 14 अप्रैल,2019 को बाबा की कौनसी जयंती मनाई गयी ?
उत्तर-128वीं
प्रश्न 139- डॉ.आंबेडकर की विचारधारा पर चलने वाली राष्ट्रीय पार्टी कौनसी है?
उत्तर- तथाकथित बहुजन समाज पार्टी
प्रश्न 140- बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है  ?
*उत्तर- कु.मायावती
प्रश्न 141- धातु पर निर्मित विश्व का सबसे वजनदार ग्रंथ कौन सा है?
उत्तर- बुद्ध और उनका धम्म
प्रश्न 142- विश्व का सबसे वजनदार ग्रंथ बनाने वाले संगठन का नाम क्या है  ?
उत्तर- धम्मभूमि फाउंडेशन, पलवल
प्रश्न 143- भारतीय गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है ?
उत्तर- उक्त तिथि को संविधान लागू होने के कारण
प्रश्न 144- गुरु रविदास जयंती कब मनाई जाती है?
उत्तर- 14 फरवरी को
प्रश्न 145- विश्व महिला दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 8 मार्च को
प्रश्न 146- मान्यवर कांशीराम का जन्मदिन कब मनाया जाता है  ?
उत्तर- 15 मार्च को
प्रश्न 147- संविधान दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 26 नवंबर को
प्रश्न 148- विश्व में सर्वाधिक प्रतिमायें किस महापुरुष की है?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर की
प्रश्न 149- भारत में किस महापुरुष के नाम पर सर्वाधिक संगठन पंजीकृत है?
उत्तर- डॉ.आंबेडकर के नाम पर
प्रश्न 150- बाबा साहब के अनुयायियों का परम कर्तव्य क्या है?
उत्तर- मिशन को आगे बढाना....!
अगर आप को अच्छा लगा हो,तो  दूसरों को जरूर भेजे.........

'जोधपुरियो' हूँ सा!

'जोधपुरियो' हूँ सा!

सर्दियों की एक अलसाई सी सुबह। भले ही अभी तक सूरज ने दर्शन ना दिए हों। भले ही ठंड आपकी हड्डियों तक घुसपैठ कर हंगामा मचा रही हो। भले ही सड़क किनारे अलाव के आसपास खड़े ऑटो ड्राइवर्स, आग के बेअसर होने के लिए हवा के रुख को दोषी ठहरा रहे हों, लेकिन जोधपुर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से सुबह 5:50 बजे रेंगती हुई निकलने वाली रणथम्भोर एक्सप्रेस में जोधपुर के बाशिंदों की गर्मजोशी सुकून पैदा कर चुकी है।

रेलगाड़ी ने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है। लेकिन खालिस जोधपुरियों की तरफ से, सिग्नेचर स्टाइल में, एक के बाद एक, इतने 'परचे' दिए जा रहे हैं कि आपको ठंडक महसूस करने का समय ही नहीं मिल रहा।

"हाँ! डब्बा (कोच) में आ ग्यो हूँ... 'हीट' (याने कि 'सीट') मिल गी है... पोचिया ने म्हारे साथे कई लेवणे भेजियो... थे इत्ता लोग फालतू ई आया... हिरोवण (early morning food/not breakfast) कर ने रवाना हुया हा, पण पूड़ियाँ ने आलू रो फरको हाग (बिना ग्रेवी वाली सब्जी) पैक करवा लियो है, अबार खोल लेवां..." जैसे वाक्य सुन कर मैं सहज ही अपने दिमाग में वो स्पॉट्स बना लेता हूँ जिन सीट्स पर कोई जोधपुरी भाई या बहन सफर में साथ रहने को है।

"गाड़ी टाइम माथे रवाना हो रई है...हाल राई का बाग आयो है। बनाड़ ई कोनी पुगिया। कोई चेन खींच दी दीखे..." जैसे वाक्यों के साथ किसी फोन पर रनिंग कमेंट्री चल रही होती है, तो दूसरी तरफ एक बुजुर्गवार... एक के बाद एक, अपने गंतव्य (location of arrival) और पीछे छूट रहे जोधपुर में बैठे खास लोगों को सुबह-सुबह का अपडेट बड़े प्यार से दे रहे हैं। ये अपडेट अलग-अलग लोगों को रिपीट मोड़ पर इतनी बार दे रहे थे कि, मेड़ता पहुँचने तक उनकी आपबीती मुझे भी याद हो गई।

उनके ही शब्दों में: "अरे आज तो मा'देव (महादेव) लाज राखी। हवा चार (4:15) रो अलॉर्म सेट करियो, घंटी बाजी तो एक बार नीन्द भी खुल गी। पण मोबाइल रे आँगळी कर ने आपां (यानी वे खुद। खुद को out of respect plural यानी 'आपां' कहा जा सकता है) पाछा पौड़ ग्या। भोडो... एडो आळस आयो कि हवा पाँच (5:15) इज नींद खुली। थारी काकी (यानी इनकी wife) तो मिन्दर गई परी ही, तो उठावे कुण! हिनान हमपाडा (shower) किया... भागतो दौडतो तैयार हुयो। पिण्टिया ने हेलो (आवाज़) पाड़ ने केयो कि भई अबे तो तू ई दूध चढ़ा ने, हांदीणा (winter special sweets) रो लाडू दे ने... फटाफट गाड़ी निकाळ। पिंटियो लाई (poor chap) फुल स्पीड में एन टाइम माथे टेसण पुगा दियो। घुसता ही जिको डिब्बो हामने (सामने) दिखियो, उणमे चढ़ा दियो। हालाँकि हामान (सामान) बत्तो राखूं कोनी, इण वास्ते घणी तकलीफ कोनी हुई। पण, ऐणुती (unnecessarily) भाग दौड़ होयगी।"

हर बार, सामने वाला भी फोन पर इस स्टोरी को सुनते हुए सवाल पूछ-पूछ कर ये सबूत दे रहा होता कि उसको इस आपबीती में पूरा इंटरेस्ट आ रहा है। एक सज्जन ने तो इंस्टेंट कैलकुलेशन करते हुए इनको बता भी दिया कि आज सुबह-सुबह चंचल का चौघड़िया था, ये सब भाग-दौड़ तो ज्योतिष ने पहले से तय कर रखी थी।

जोधपुर से जयपुर तक के पाँच घंटे के सफर में आयोजित होने वाले आधा दर्जन 'मिनी फ़ूड फेस्टिवल' के दौरान खुद और सहयात्रियों के खाने पीने का क्या-क्या सामान साथ लिया गया है, ये भी हर बार दोहराया जाता: "घणो कोनी लियो रे! थारी काकी मठरियां घाल दी। काले पिंटियो चतरिये रा गुलाबजामन ला ने धरिया हा, थोड़ा वे ले लिया, पूड़ियाँ रे साथे पचकुटो है। यूँ मेड़ता माथे पकौड़ा ले लेवां, पण घर रो माल... घर रो इज होवे। दाल रो हीरो (हलवा) ठंडो भावे कोनी, पण टिपण (टिफिन) में वो भी है। खोखा (बेसन की मोटी सेव) कुतरता... गोटण तो पूग इज ग्या..."

जोधपुर वालों का राजनीति ज्ञान भी पूरे आत्मविश्वास के साथ बाहर आता है। एक भाई साब के पास बैठे किसी यात्री ने व्हाट्सएप्प पर आया कोई वीडियो प्ले किया तो वो एक्सपर्ट कमेंट के साथ तत्पर थे: "हेंग (सब) एक जेड़ा है सा। दिल्ली रा विधानसभा चुनाव गया पछे हेंग मिन्नी (भीगी बिल्ली) ज्यूँ चुप बैठ जावेला। गेली (पागल) जनता याणे लारे भेजोमारी करती रेवे। ... दाढ़ी वाळा दोई (मोदी और शाह) मज़ा ले रया है। थोड़ा दिन और रुक जाओ, तमासा ई तमासा होवण वाळा है।" और साथ बैठे लोग उनके समर्थन में मुंडी हिलाने लगते।

दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों के निवासी, सर्द मौसम के बीच... सूरज की नगरी से आ रही इस गर्मजोशी के अभयस्त (habitual) नहीं होते हैं। उनकी कसमसाहट उनके चेहरे पर नज़र आ जाती जब खाने के बीच डकार के साथ 'जै शंकर' का उद्घोष कोच में गूंज रहा होता।

जोधपुरी परिवार का नाश्ते का डब्बा खुलता तो आसपास वालों की जम कर मनुहार की जाती। एक बार, दो बार और बार-बार... खाने की मनुहार इतनी बार, कि सहयात्री को शक़ होने लगता है कि भाई... खाने में कुछ मिला हुआ तो नहीं है! नहीं भाई, ये सब खालिस जोधपुरी हैं और इनकी मनुहार में सिर्फ प्यार मिला हुआ है।

मनुहार करने का अंदाज़ भी अनूठा: "थोड़ा तो ट्राई करो। अरे, ये फेमस है हमारे यहां की! अरे ये आपकी काकी... (हाँ, आपसे उनका ये इंस्टेंट रिश्ता भी उन्हीं का तय किया हुआ है) ने सुबह-सुबह पूड़ियाँ बनाई हैं, थोड़ी टेस्ट करो... अरे, ये तो कम घी की है, पेट के किसी कोने में पड़ी रहेगी..." और आगे-पीछे की सीट्स पर बैठे यात्री इस मीठी मनुहार से 'ब्रांड जोधपुरिया' का आनंद उठाते रहते।

जीव विज्ञान की पढ़ाई में पेट का आकार चाहे जैसा हो। जोधपुर के लोगों के पेट में कई कोनें होते हैं। जीभ की स्वदानुभूति को ध्यान में रखते हुए एक न एक कोने को खाली रखा ही जाता है।

और हाँ... जोधपुरियों के दिल में भी अनगिनत कोनें मौजूद होते हैं।

कैसे!
फिर कभी बताएँगे 😊

सादर

व्हाट्सएप ग्रुप से प्राप्त लेख